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अप्रैल से अक्टूबर के बीच 6.49 लाख करोड़ रहा राजकोषीय घाटा, बजटीय लक्ष्य से 104 फीसद अधिक

अप्रैल से अक्टूबर के बीच सरकार का राजकोषीय घाटा 6.49 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि चालू वित्त वर्ष के बजटीय लक्ष्य के मुकाबले 103.9 फीसद है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 06:36 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 10:05 PM (IST)
अप्रैल से अक्टूबर के बीच 6.49 लाख करोड़ रहा राजकोषीय घाटा, बजटीय लक्ष्य से 104 फीसद अधिक

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष के पूरा होने से पहले ही राजकोषीय घाटा बजटीय लक्ष्य को पार कर गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अप्रैल से अक्टूबर के बीच सरकार का राजकोषीय घाटा 6.49 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि चालू वित्त वर्ष के बजटीय लक्ष्य के मुकाबले 103.9 फीसद है।

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शुक्रवार को सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के दौरान सरकार को टैक्स से कुल 6.61 लाख करोड़ रुपये की आमदनी हुई। हालांकि सरकार ने कहा कि वह राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में सफल होगी। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सरकार ने जीडीपी के मुकाबले 3.3 फीसद घाटे का लक्ष्य रखा है।

जीडीपी में आई गिरावट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार में कमी आई है। केंद्रीय सांख्यिकी विभाग (सीएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी कम होकर 7.1 फीसद हो गई है। हालांकि इसके बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। दूसरी तिमाही में चीन की जीडीपी 6.7 फीसद रही है।

बता दें कि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के पोल में जीडीपी के 7.4 फीसद रहने का अनुमान जताया गया था। वहीं ब्लूमबर्ग के सर्वेक्षण में इसके 7.5 फीसद रहने की उम्मीद जताई गई थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 8.2 फीसद रही थी। लेकिन अब इसमें 1.1 फीसदी की कमी देखने को मिली है।

कोर सेक्टर ग्रोथ में आई गिरावट जीडीपी के साथ ही कोर सेक्टर ग्रोथ रेट में भी कमी आई है। अक्टूबर महीने में आठ अहम क्षेत्र की विकास दर कम होकर 4.8 फीसद हो गई। कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और फर्टिलाइजर के उत्पादन में कमी आने की वजह से कोर सेक्टर के ग्रोथ रेट में कमी आई।

कोर सेक्टर में आठ इंफ्रा सेक्टर आते हैं, जिसमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रॉडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और बिजली शामिल है। अक्टूबर 2017 में इस सेक्टर की ग्रोथ रेट 5 फीसद रही थी। हालांकि मासिक आधार पर देखा जाए तो कोर सेक्टर के ग्रोथ में सुधार हुआ है।

यह भी पढ़ें: दूसरी तिमाही में सुस्ती पड़ी आर्थिक वृद्धि की रफ्तार, 7.1 फीसद हुई GDP


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