वित्त मंत्रालय को 12 बड़े एनपीए मामलों के समाधान से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रकम मिलने की उम्मीद
बीते हफ्ते टाटा ग्रुप ने कर्ज में डूबी भूषण स्टील की 72.65 फीसद हिस्सेदारी खरीद ली थी। यह डील कुल 36,000 करोड़ रुपये में हुई जो कि बैंकिंग प्रणाली को साफ करने के साथ ही और बैंक (कर्जदाताओं) की मदद भी करेगी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भूषण स्टील के मामले के सफल निष्कर्ष से उत्साहित वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि एनपीए से उन सभी 12 प्रस्तावों के समाधान से 1 लाख करोड़ रुपये की राशि प्राप्क होगी, जिन्हें आरबीआई की ओर से पहली सूची के अंतर्गत दिवालिया प्रक्रिया में शामिल किया है। गौरतलब है कि नए दिवालिया कानून इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आइबीसी) के तहत आरबीआइ ने पिछले साल 12 कंपनियों से कर्ज वसूलने की प्रक्रिया की शुरुआत की थी। भूषण स्टील की बिक्री के रूप में इसमें पहली सफलता मिल गई है।
बीते हफ्ते टाटा ग्रुप ने कर्ज में डूबी भूषण स्टील की 72.65 फीसद हिस्सेदारी खरीद ली थी। यह डील कुल 36,000 करोड़ रुपये में हुई जो कि बैंकिंग प्रणाली को साफ करने के साथ ही और बैंक (कर्जदाताओं) की मदद भी करेगी। वहीं एनपीए से जो अन्य 11 मामले हैं उनसे आसानी से 1 लाख करोड़ रुपये की रकम प्राप्त होने की उम्मीद है और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत संकल्प से प्राप्त होने वाली रकम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एनपीए में कमी लाने में मदद करेगी। यह जानकारी वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि बीते साल जून महीने में रिजर्व बैंक की आंतरिक परामर्श समिति ने 12 खातों की पहचान की थी, जिन पर बैंकों का बकाया है। इन 12 खातों में जितना कर्ज बैंकों का फंसा है वह राशि बैंकों के कुल एनपीए का 25 फीसद हिस्सा है। रिजर्व बैंक की एडवाइजरी के बाद बैंकों ने भूषण स्टील लिमिटेड, भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड, एस्सार स्टील लिमिटेड, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, लैंको इंफ्राटेक लिमिटेड, मोनेट इस्पात एंड एनर्जी लिमिटेड, ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, एलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड, एमटेक आटो लिमिटेड, एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड, आलोक इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के मामले को एनसीएलटी के पास भेजा है। इन सभी खातों में संयुक्त रुप से 1.75 लाख करोड़ रुपये का लोन बकाया है।