EPFO हो सकता है PF की सभी श्रेणियों के लिए एकमात्र नियामक
वित्त और श्रम मंत्रालयों को सूचना दी गई है कि सरकारी विभागों में सर्वसम्मति बनी है कि ईपीएफओ को सभी भविष्य निधियों के लिए एकमात्र नियामक की भूमिका निभानी चाहिए
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। संसद की एक समिति ने सुझाव दिया है कि रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को सभी श्रेणियों की भविष्य निधियों (पीएफ) विशेषकर पीएफ न्यासों के लिए एकमात्र नियामक की भूमिका निभानी चाहिए।
समिति ने कहा, “समिति ने दृढ़ता से अनुशंसा की है कि अगर जरूरी हो तो सरकार विभिन्न अधिनियमों में संशोधन कर सकती है और भविष्य निधि की सभी श्रेणियों के लिए एकमात्र नियामक के रूप में कार्य करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को अधिकृत कर सकती है।”
इसमें कहा गया है कि वित्त और श्रम मंत्रालयों को सूचना दी गई है कि सरकारी विभागों में सर्वसम्मति बनी है कि ईपीएफओ को सभी भविष्य निधियों के लिए एकमात्र नियामक की भूमिका निभानी चाहिए। इनमें वे सभी भविष्य निधियां शामिल हैं जिन्हें संगठनों एवं प्रतिष्ठानों की अन्य श्रेणियों के तहत छूट प्राप्त है। समिति ने यह भी कहा है कि वह सभी पीएफ न्यासों के लिए मजबूत नियामकीय व्यवस्था पर सहमत है।
वर्तमान में पैनल ने यह गौर किया है कि ईपीएफओ देश में पीएफ का एकमात्र संगठन या नियामक नहीं है। निजी प्रतिष्ठानों/संगठन/ पीएसयू के भविष्य निधि बड़े पैमाने पर ईपीएफओ अधिकार के तहत आते हैं। यहां पर दो श्रेणियां ऐसी हैं जिन्हें छूट दी गई है और उन्हें बाहर रखा गया है।
छूट प्राप्त श्रेणियों के तहत, ईपीएफओ के पास यह अधिकार है कि वो बड़े संगठनों को बॉडी में ईपीएफ जमा करने से मुक्त कर दे। इस उद्देश्य के लिए संगठन की ओर से बनाए गए ट्रस्ट द्वारा ईपीएफ को बनाए रखा जा सकता है। वहीं दायरे से बाहर वाली श्रेणी के तहत, एक विशेष उद्योग के पीएफ को विभिन्न अधिनियमों के तहत ईपीएफओ के दायरे से बाहर रखा गया है।