FY19 में 7.5% रह सकती है इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ: केयर रेटिंग्स
केयर रेटिंग्स ने बताया कि सकल मुद्रास्फीति, राजकोषीय सुदृढ़ीकरण, ब्याज दरें, चालू खाता घाटा का बढ़ना और विनिमय दरें चिंता वाले क्षेत्र हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। उद्योग एवं कृषि के अच्छे प्रदर्शन की बदौलत चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था बढ़कर 7.5 फीसद रह सकती है। यह अनुमान एक प्रमुख रेटिंग एजेंसी ने लगाया है।
केयर रेटिंग्स ने बताया कि सकल मुद्रास्फीति, राजकोषीय सुदृढ़ीकरण, ब्याज दरें, चालू खाता घाटा का बढ़ना और विनिमय दरें चिंता वाले क्षेत्र हैं। केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘हम 2018-19 में जीडीपी में 7.5 फीसद बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। ये ग्रोथ रेट सरकारी व्यय के समर्थन के साथ अनुकूल मानसून, इंवेस्टमेंट में तेजी तथा निजी क्षेत्र के खर्च पर निर्भर करेगी।’’ रिपोर्ट में यह माना गया है कि कच्चा तेल मौजूदा 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर नहीं जाएगा।
चालू खाता घाटे (सीएडी) के बारे में इसमें कहा गया है कि व्यापार घाटे में वृद्दि तथा पोर्टफोलियो प्रवाह में नरमी और तेल कीमतों के बढ़ने से चालू खाते का घाटा (कैड) 2018-19 में जीडीपी के 2.5 फीसद तक जा सकता है जो पिछले वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में 1.7 फीसद था। केयर रेटिंग्स ने कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष में पिछले साल के तीन फीसद से बढ़कर 4 फीसद तथा औद्योगिक क्षेत्र की रेट 4.3 फीसद से बढ़कर 6 फीसद रहने का अनुमान जताया है। इस रिपोर्ट में खुदरा मुद्रास्फीति के आलोच्य वित्त वर्ष में वृद्धि के साथ 5.5 फीसद रहने का अनुमान भी जताया गया है।