अरुण जेटली ने GST दरों को और तर्कसंगत करने के दिए संकेत
जेटली ने कहा कि जिन देशों में भी जीएसटी लागू हुआ है, वहां सुधार व्यवधानकारी साबित हुआ है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पहले साल में जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर उठते रहे सवालों के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आशा जताई है कि आने वाले समय में यह समाज में और बेहतर योगदान देगा। खजाने की स्थिति बेहतर होने पर उन्होंने जीएसटी की दरों को और तर्कसंगत बनाने का भी संकेत दिया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को जीएसटी दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे जेटली का यह पहला सार्वजनिक संबोधन था। जेटली ने कहा कि जिन देशों में भी जीएसटी लागू हुआ है, वहां यह सुधार व्यवधानकारी साबित हुआ है। भारत में भी जब जीएसटी लागू हुआ तो उन्हें भी ऐसा लगा कि शायद यहां भी इससे व्यवधान आए क्योंकि इसके साथ सामंजस्य बिठाने में वक्त लगता है। लेकिन बीते एक साल के अनुभव के बाद अब वह जीएसटी जैसे सुधार के लिए व्यवधानकारी शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते। भारत में जिस सुचारू ढंग से जीएसटी लागू हुआ है, वह दुनिया में अभूतपूर्व है।
जेटली ने कहा कि जीएसटी का दीर्घकालिक असर देश के जीडीपी की वृद्धि, ईज ऑफ डूइंग, व्यापार और उद्योग में वृद्धि तथा सरकार के मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों पर पड़ेगा। साथ ही इससे ईमानदार कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। जीएसटी के लागू होने से देश में 17 प्रकार के परोक्ष कर और कई सेस खत्म हो गए हैं। जेटली ने आने वाले दिनों में जीएसटी की दरों में राहत का संकेत देते हुए कहा कि जैसे-जैसे कर संग्रह बढ़ता है, वैसे-वैसे स्लैब को तर्कसंगत बनाने और दरों को तर्कसंगत बनाने की क्षमता भी बढ़ती जाएगी। जेटली ने कहा कि जब कर व्यवस्था सक्षम होगी तो कर चोरी की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ई-वे बिल लागू किया जा चुका है और इन्वॉयस मैचिंग शुरू होने के बाद कर चोरी रोकना और कर चोरी को पकड़ना भी आसान हो जाएगा।
इस मौके पर कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने वित्त सचिव हसमुख अढिया को कंपोजीशन स्कीम लेने वाले व्यापारियों के लिए तिमाही के स्थान पर साल में सिर्फ एक बार रिटर्न दाखिल करने का नियम बनाने की संभावनाएं तलाशने को कहा। गोयल ने कहा कि छोटे व्यापारी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और सरकार उनकी सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्हें अगर कोई परेशानी हो तो वे सीधे वित्त मंत्री को पत्र लिख सकते हैं।
अढिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को लागू करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई थी। इसी का परिणाम है कि इसे रिकार्ड समय में लागू किया जा सका। उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक नेतृत्व से स्पष्ट निर्देश आते हैं तो अधिकारी भी अपना पूरा योगदान करते हैं।1जीएसटी दिवस के आयोजन में उद्योग संगठनों, सरकारी अधिकारियों और कर पेशेवरों ने भी भाग लिया।