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अमेरिकी दबाव के बीच सऊदी को पीछे छोड़ भारत का दूसरा बड़ा तेल निर्यातक देश बना ईरान

ईरान पर लगे प्रतिबंध के बाद अमेरिकी दबाव के बीच भारत को किए जाने तेल निर्यात के मामले में तेहरान ने सऊदी अरब को पीछे छोड़ दिया है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 07:19 PM (IST)
अमेरिकी दबाव के बीच सऊदी को पीछे छोड़ भारत का दूसरा बड़ा तेल निर्यातक देश बना ईरान

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत को कच्चे तेल की सप्लाई के मामले में ईरान, सऊदी अरब को पीछे छोड़कर दूसरे स्थान पर जा पहुंचा है। अमेरिकी प्रतिबंध और दबाव के बावजूद ईरान भारत को अपनी सप्लाई बढ़ाने में कामयाब रहा है।

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ईरान पर लगे प्रतिबंध की वजह से वहां की कंपनियां कच्चे तेल पर भारी छूट की पेशकश कर रही है, जिसका भारतीय कंपनियों ने जमकर लाभ उठाया।

संसद को दी गई लिखित जानकारी में तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों के दौरान ईरान ने भारत को करीब प्रतिदिन 457,000 बैरल तेल की सप्लाई की। ईरान, चीन के बाद सबसे ज्यादा भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करता रहा है। हालांकि प्रधान ने इस दौरान एक साल पहले के तेल आयात के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने पिछले साल अप्रैल से जून के दौरान ईरान से करीब 279,000 बैरल रोजाना तेल की सप्लाई ली थी।

गौरतलब है कि ईरान के साथ परमाणु समझौते से अलग होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्य-पूर्व के इस देश पर नए सिरे से प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए अपने सहयोगी देशों को ईरान से होने वाले आयात को धीरे-धीरे कम करते हुए शून्य पर लाने के लिए दबाव बना रहा है।

ईरान और अमेरिका के बीच 2005 में परमाणु समझौता हुआ था, जिसके तहत ईरान पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया था और बदले में ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के फैसले को रोक दिया था।

हालांकि ट्रंप के इस संधि को तोड़ने के बाद अमेरिका अपने सहयोगी देशों पर ईरान से तेल का आयात करने के साथ ही ओपेक देशों को तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए कह रहा है। हालांकि ईरान ने ओपेक देश से तय मात्रा से अधिक तेल का उत्पादन बढ़ाए जाने को लेकर चेतावनी दी है।

पिछले महीने यह खबर आई थी कि भारत ने अपनी रिफाइनरी कंपनियों से ईरान से होने वाले तेल आयात को धीरे-धीरे कम करने का आदेश दिया था, जिसकी वजह से जून महीने में तेहरान से होने वाले तेल आयात में करीब 16 फीसद की कमी आई थी।

यह भी पढ़ें: OPEC को ईरान ने चेताया, कहा-तय सीमा से अधिक हुआ तेल का उत्पादन तो चुकानी पड़ेगी कीमत


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