GST के 28% टैक्स में आने वाली वस्तुओं की संख्या राजस्व संग्रह पर करेगी निर्भर: अढिया
हसमुख अढिया ने बताया कि 28 फीसद टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुओं की संख्या घटाना राजस्व संग्रह पर निर्भर करेगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी के 28 फीसद टैक्स दायरे को तार्किक बनाने के लिए इसमें आने वाली वस्तुओं की संख्या घटाना राजस्व संग्रह पर निर्भर करेगा। यह बात वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कही है। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी के नए रिटर्न फार्म अगले साल जनवरी में पेश किए जाएंगे। यह सॉफ्टवेयर की बीटा-टेस्टिंग के बाद जारी होंगे।
गौरतलब है कि 30 जून और 1 जुलाई की मध्यरात्रि से देश में जीएसटी को लागू कर दिया गया लेकिन उसके बाद से अब तक कई बार जीएसटी की प्रस्तावित दरों (0, 5, 12, 18 और 28 फीसद) में आने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं में कई बार संशोधन किया जा चुका है।
जानकारी के लिए बता दें कि 19 जनवरी, 2018 को हुई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 25वीं बैठक में कुल 49 वस्तुओं पर कर की दरें कम की गईं थी। इसके साथ ही 29 हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं को जीरो टैक्स स्लैब में लाया गया था।
इस बैठक में क्या कुछ हुआ सस्ता और महंगा हुआ-
हीरे पर जीएसटी दर को 3 फीसद से घटाकर 0.25 फीसद, सिगरेट फिल्टर रॉड पर जीएसटी को 12 फीसद से बढ़ाकर 18 फीसद, बायो डीजल पर जीएसटी दर को 18 फीसद से घटाकर 12 फीसद और इस्तेमाल किए गए वाहनों (यूज्ड व्हीकल) पर जीएसटी दर को 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद कर दिया गया था। खनन, पेट्रोलियम क्रूड की ड्रिलिंग सेवाएं पर अब 12 फीसद, खनन, प्राकृतिक गैस की ड्रिलिंग पर 12 फीसद, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, मैकेनिकल स्प्रेयर पर 18 के बजाए 12 फीसद, मेंहदी कोन पर 18 के बजाए 5 फीसद और सुगर ब्वॉइल्ड कन्फेक्शनरी पर अब 18 के बजाए 12 फीसद का टैक्स कर दिया गया था।
12 व 18 फीसद जीएसटी दर का हो सकता है विलय
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते वर्ष दिसंबर में संकेत दिया था कि जीएसटी की 12 और 18 फीसद की दरों का विलय हो सकता है। इससे जीएसटी दरों की संख्या घटकर तीन रह जाएगी। हालांकि जीएसटी की फीसद वाली उच्चतम दर बनी रहेगी। उन्होंने यह भी बताया था कि 28 फीसद के स्लैब से वस्तुओं की संख्या घटाकर 48 तक लाई जा चुकी थी। इस स्लैब में आने वाली वस्तुओं की संख्या में और कमी लाई जा सकती है। इसमें मुख्य रूप से लक्जरी और सिगरेट जैसी अवगुणी वस्तुएं (सिन गुड्स) ही बचेंगी। जब जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी होगी, तो सरकार देखेगी कि क्या 12 और 18 फीसद वाली दरों को मिलाने की गुंजाइश है।