देश के सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आज लागू होगा इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल
जिन केंद्र शासित प्रदेशों में आज ई-वे बिल लागू किया जाना है उनमें चंडीगढ़, अंदमान एंड निकोबार आइसलैंड, दादरा एंड नागर हवेली, दमन एवं दीव और लक्षद्वीप शामिल हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। महाराष्ट्र, मणिपुर और अन्य पांच केंद्र शासित प्रदेशों में आज इंट्रा स्टेट (राज्य के भीतर) ई-वे बिल लागू किया जाएगा। एक राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान को सामान की आवाजाही के लिए उस सूरत में ई-वे बिल जरूरी होगा अगर सामान की कुल कीमत 50,000 रुपये से ज्यादा होगी।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि इसके साथ ही देश के 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ई-वे बिल प्रणाली अमल में आ जाएगी। जिन केंद्र शासित प्रदेशों में आज ई-वे बिल लागू किया जाना है उनमें चंडीगढ़, अंदमान एंड निकोबार आइसलैंड, दादरा एंड नागर हवेली, दमन एवं दीव और लक्षद्वीप शामिल हैं। गौरतलब है कि एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच 50,000 रुपये से ज्यादा के सामान की आवाजाही के लिए ई-वे बिल एक अप्रैल से ही लागू किया जा चुका है।
ई-वे बिल एक नजर में
क्या है ई-वे बिल: अगर किसी वस्तु का एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर राज्य के भीतर मूवमेंट होता है तो सप्लायर को ई-वे बिल जनरेट करना होगा। अहम बात यह है कि सप्लायर के लिए यह बिल उन वस्तुओं के पारगमन (ट्रांजिट) के लिए भी बनाना जरूरी होगा जो जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।
क्या होता है ई-वे बिल में: इस बिल में सप्लायर, ट्रांसपोर्ट और ग्राही (Recipients) की डिटेल दी जाती है। अगर जिस गुड्स का मूवमेंट एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर एक ही राज्य के भीतर हो रहा है और उसकी कीमत 50,000 रुपए से ज्यादा है तो सप्लायर (आपूर्तिकर्ता) को इसकी जानकरी जीएसटीएन पोर्टल में दर्ज करानी होगी।
कितनी अवधि के लिए वैलिड होता है यह बिल: यह बिल बनने के बाद कितने दिनों के लिए वैलिड होता है, यह भी निर्धारित है। अगर किसी गुड्स (वस्तु) का मूवमेंट 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल सिर्फ एक दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है। अगर इसका मूवमेंट 100 से 300 किलोमीटर के बीच होता है तो बिल 3 दिन, 300 से 500 किलोमीटर के लिए 5 दिन, 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 10 दिन और 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर 15 दिन के लिए मान्य होगा।