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GST कानूनों में 46 संशोधन का प्रस्ताव, कर्मचारियों के खाने पीने पर इनपुट क्रेडिट का लाभ ले पाएंगी कंपनियां

एक बार राजस्व विभाग की ओर से संशोधनों को अंतिम रुप दे दिए जाने के बाद उसे जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 10:48 AM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 11:03 AM (IST)
GST कानूनों में 46 संशोधन का प्रस्ताव, कर्मचारियों के खाने पीने पर इनपुट क्रेडिट का लाभ ले पाएंगी कंपनियां

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अब जल्द ही कंपनियां अपने कर्मचारियों को खाने-पीने, ट्रांसपोर्ट और इंश्योरेंस जैसी सुविधाओं पर चुकाए जाने वाले जीएसटी पर इनपुट क्रेडिट का लाभ ले सकेंगी। यह उस सूरत में होगा जब जीएसटी अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को संसद और राज्य विधानसभाओं की ओर से अनुमोदित कर दिया जाएगा।

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सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानूनों- सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी),स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी), एकीकृत जीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी) और राज्यों के कर मुआवजे समेत 46 संशोधनों का प्रस्ताव दिया है।

अन्य संशोधनों में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म में बदलाव,अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ा कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन, पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) रद्द करना, नए रिटर्न फाइलिंग नियम और काफी सारे इनवॉइस को कवर करने वाला एकमुश्त डेबिट/क्रेडिट नोट शामिल हैं। सरकार ने जीएसटी कानून में संशोधन के संबंध में 15 जुलाई 2018 तक संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया मांगी है।

एक बार राजस्व विभाग की ओर से संशोधनों को अंतिम रुप दे दिए जाने के बाद उसे जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा। उसके बाद जीएसटी कानून में संशोधन को लेकर उसे संसद तथा राज्य विधानमंडलों में पेश किया जाएगा। संशोधन मसौदा के तहत अगर किसी कंपनी को अपने कर्मचारियों को खाना-पीना, स्वास्थ्य सेवाएं, जीवन बीमा, यात्रा लाभ किराया या मोटर वाहन को किराये पर लेने की बाध्यता है तो वह इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ हासिल कर सकेंगी।

जीएसटी को सरल बनाकर व्यापारियों को साधेगी सरकार: सरकार चुनावी साल में जीएसटी को सरल बनाकर व्यापारियों को साधने की कोशिश करेगी। इसी दिशा में कदम उठाते हुए केंद्र आने वाले दिनों में व्यापारियों की असुविधा वाले प्रावधानों को ठंडे बस्ते में डाल सकता है। साथ ही जीएसटी काउंसिल में विपक्षी दलों के शासित राज्यों के वित्त मंत्री कुछ मुद्दों पर मुखर होकर विरोध जता सकते हैं।


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