SIP Calculation: 6000 रुपये की एसआईपी से 5 साल बाद कितना बनेगा फंड; समझें कैलकुलेशन
आज हर कोई म्यूचुअल फंड में बढ़-चढ़कर निवेश कर रहा है। ये एसआईपी की वजह से ही संभव हो पाया है। एसआईपी के जरिए हम छोटी-छोटी किस्तों में पैसा निवेश कर सक ...और पढ़ें
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नई दिल्ली। आज हर कोई म्यूचुअल फंड में बढ़-चढ़कर निवेश कर रहा है। ये एसआईपी की वजह से ही संभव हो पाया है। एसआईपी के जरिए हम छोटी-छोटी किस्तों में पैसा निवेश कर सकते हैं। ये छोटी-छोटी किस्त ही भविष्य में बड़ा फंड बनकर तैयार होती है। आज हम एसआईपी कैलकुलेशन की मदद से समझेंगे कि 5 साल के लिए अगर हर महीने 6000 रुपये की एसआईपी की जाए तो कितना फंड बनकर तैयार होगा?
कैलकुलेशन
- निवेश रकम- हर महीने 6000 रुपये
- निवेश अवधि- 5 साल
- निवेश रिटर्न- 12 फीसदी
अगर कोई व्यक्ति हर महीने 6000 रुपये की एसआईपी करता है, तो उसे 5 साल बाद 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से 4,95,000 रुपये मिल सकते हैं। इन 5 सालों में कुल 3,60,000 रुपये निवेश रकम जमा हो जाएगी और केवल रिटर्न में 1,35,000 रुपये सकते हैं। क्योंकि म्यूचुअल फंड में मिलने वाला रिटर्न शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है इसलिए ये रिटर्न कम या ज्यादा भी हो सकता है।
आइए अब जानते हैं कि हमारे एक्सपर्ट ने एसआईपी से जुड़े आज के सवाल का क्या जवाब दिया है।
आज का सवाल) एसआईपी में कंपाउंडिंग का फ़ायदा कैसे उठाएं?
द वेल्थ कंपनी एएमसी के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर, देबाशीष मोहंती का कहना है कि एसआईपी में कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपकी लगाई हुई राशि और उस पर बने मुनाफे दोनों पर आगे मुनाफा बनता है। समय के साथ यह छोटी-छोटी मासिक बचत को एक बड़े जमा धन में बदल देता है। तकनीकी रूप से हर लम्बी अवधि वाला निवेश कम्पाउंड होता ही है ।
एसआईपी करते वक्त क्या ध्यान रखें
धैर्य जरूरी है
द वेल्थ कंपनी एएमसी के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर, देबाशीष मोहंती का कहना है किधैर्य बहुत जरूरी है। बाजार में गिरावट आने पर बीच में पैसा निकालने की जल्दबाजी न करें, क्योंकि कम्पाउंडिंग तभी असर दिखाती है जब आपका पैसा लगातार लगा रहता है। एसआईपी का एक बड़ा फायदा यह भी है कि गिरावट के समय आपको ज्यादा यूनिट्स मिल जाती हैं, जिससे आगे चलकर आपकी कमाई और बढ़ती है।
हर साल थोड़ा बढ़ाकर निवेश करें
अगर आप हर साल अपनी एसआईपी में 10–15% तक बढ़ोतरी करते हैं, तो जमा धन और तेज़ी से बढ़ता है। जैसे आपकी सैलरी बढ़ती है, वैसे ही निवेश बढ़ाने से भविष्य का फायदा और बड़ा हो जाता है। साथ ही अलग-अलग तरह के फंड में निवेश बांटकर आप कम जोखिम में अच्छा नतीजा पा सकते हैं। इससे आपको अर्ली रिटायरमेंट में भी सहायता मिलती है।
(डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। म्यूचुअल फंड में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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