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क्यों जरूरी है आयकर रिटर्न भरना?

रिटर्न भरने का समय आ गया है। इस समय कंपनियां और नियोक्ता अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करना शुरू कर देते हैं। आम आयकरदाता अपने प्रपत्रों को संभालना शुरू कर देता है। सवाल उठता है कि आखिर आयकर की अदायगी करना क्यों जरूरी है? सबसे पहले तो अगर आप

By Edited By: Published: Mon, 01 Jun 2015 03:17 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2015 03:24 AM (IST)
क्यों जरूरी है आयकर रिटर्न भरना?

रिटर्न भरने का समय आ गया है। इस समय कंपनियां और नियोक्ता अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करना शुरू कर देते हैं। आम आयकरदाता अपने प्रपत्रों को संभालना शुरू कर देता है। सवाल उठता है कि आखिर आयकर की अदायगी करना क्यों जरूरी है? सबसे पहले तो अगर आप भारत के नागरिक हैं या प्रवासी भारतीय हैं और आपकी सकल आमदनी 2,50,000 रुपये से ज्यादा है तो आपके लिए आयकर रिटर्न भरना जरूरी है।

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हर एक जिम्मेदार नागरिक को आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर आयकर विभाग की तरफ से नोटिस आने में अब ज्यादा देरी नहीं होती। इसके साथ ही आयकर रिटर्न भरने के और भी कई फायदे हैं। मसलन, अगर आप भारत से बाहर नौकरी के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो आपके पास पिछले तीन वर्षों के रिटर्न का रिकॉर्ड होना चाहिए। आज कल तो तीन वर्षों के रिकॉर्ड को देख कर ही वीसा के लिए आवेदन स्वीकार किए जाते हैं। होम लोन के समय भी इसकी जरूरत होती है। बैंक कम से कम तीन वर्षों के आपके आय के रिकॉर्ड का हिसाब किताब लगाने के बाद ही आपको होम लोन देने के लिए तैयार होते हैं। यह बताता है कि आपकी आय कितनी रही है और कर्ज अदाएगी को लेकर आपकी क्या स्थिति है।

कई बार ऐसा होता है कि दो वर्ष काम करने के बाद ही किसी को विदेश से ऑफर आ जाते हैं। जबकि उस व्यक्ति के पास सिर्फ दो वर्ष के ही रिटर्न फाइल के कागजात होते हैं। ऐसे में दो वर्ष पहले के वर्ष का भी आयकर रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए। अगर कोई आयकर देनदारी होती है तो उसकी अदायगी दंड समेत करना सही होता है। देनदारी नहीं है तो भी अर्थदंड समेत रिटर्न भर देना चाहिए। जब आवेदन करें तो इसका साफ साफ जिक्र कर देना चाहिए कि आपने दो वर्ष पहले का रिटर्न अभी फाइल किया है। असलियत में कई बार ऐसा होता है कि आयकर सीमा से कम वेतन होने पर व्यक्ति रिटर्न फाइल करने को लेकर गंभीर नहीं होता है। लेकिन इस बीच अगर उसे विदेश जाने का मौका मिल गया तो रिटर्न नहीं भरे होने की वजह से उसकी संभावना पर पानी फिर सकता है।

ऐसे में अगर निर्धारित सीमा से कम आय है तब भी निल रिटर्न भर देना चाहिए। इससे आयकर विभाग की नजर में भी आपका रिकॉर्ड बेहतर रहता है। निल रिटर्न अब तो सामान्य आयकर रिटर्न की तरह ही इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भरा जा सकता है। इनकमटैक्सइंडियाईफाइलिंग डॉट जीओवी डॉट इन वेबसाइट खोल कर कोई भी निल रिटर्न भी फाइल कर सकता है। इसके आय वाले हिस्से में आप आय लीजिए और फिर छूटों का विवरण दीजिए। आपके स्क्रीन में आ जाएगा कि आप पर कोई भी टैक्स देनदारी नहीं है। इसे आयकर विभाग में जमा करा दीजिए। इसकी एक कॉपी सीपीसी, बेंगलुरु को जरूर भेज देनी चाहिए।
मृदुला राघवन
कंटेंट स्ट्रैटजिस्ट

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