क्यों हो जाती हैं रिटर्न फाइल करने में गलतियां?
आनलाइन टैक्स रिटर्न दाखिल करने के नए-नए सॉफ्टवेयर ने इस जटिल काम को भी काफी आसान बना दिया है। फॉर्म 16 को अपलोड करना और टैक्स रियायतों की गणना खुद-ब-खुद हो जाने से डाटा एंट्री का काम भी काफी कम हो गया है। इससे टैक्स रिटर्न दाखिल करने में आमतौर
आनलाइन टैक्स रिटर्न दाखिल करने के नए-नए सॉफ्टवेयर ने इस जटिल काम को भी काफी आसान बना दिया है। फॉर्म 16 को अपलोड करना व टैक्स रियायतों की गणना खुद-ब-खुद हो जाने से डाटा एंट्री का काम भी काफी कम हो गया है। इससे टैक्स रिटर्न दाखिल करने में आमतौर पर होने वाली गलतियों की संख्या भी घटी है। इसके बावजूद अक्सर देखा जाता है कि हम अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करते हुए कुछ गलतियां कर बैठते हैं। लेकिन इन पांच बातों का ध्यान रखा जाए तो गलतियों से भी बचा जा सकता है।
आय का पूरा विवरण दें
आपकी कुल आमदनी केवल आपके वेतन से होने वाली आय नहीं है। आप कई अन्य स्नोतों से भी आय अर्जित करते हैं। इनमें फिक्स्ड डिपॉजिट से आने वाले ब्याज, घर से मिलने वाला किराया और शेयरों की खरीद-फरोख्त में होने वाला नफा या नुकसान भी शामिल हैं। इन सबको मिलाकर ही आपकी कुल आमदनी बनती है जिस पर आपको टैक्स देना होता है। इसलिए टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त आय की जानकारी देने में इन सभी को शामिल करें। यदि आप एक ही वित्त वर्ष में नौकरी बदल कर दूसरी ज्वाइन करते हैं तो याद रखिए आपको रिटर्न दाखिल करते वक्त मौजूदा नियोक्ता के साथ-साथ पूर्व नियोक्ता से मिले वेतन वगैरह का ब्योरा भी रिटर्न में देना होगा।
यह जानकारी शामिल न करना
फॉर्म 26एएस आपके द्वारा किए गए सभी तरह के टैक्स भुगतान का ब्योरा बताता है, चाहे टैक्स अदा आपने किया हो या आपके लिए किसी अन्य ने। इसलिए आयकर विभाग की वेबसाइट से फॉर्म 26एएस डाउनलोड करें और यह सुनिश्चित करें कि आपके फॉर्म 16 में ये जानकारी हैं या नहीं। ये सभी जानकारी को अपने टैक्स रिटर्न फॉर्म में दाखिल करें।
रिफंड के लिए सही विवरण भरें
इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आपको रिफंड मिलना है या नहीं। लेकिन आपको रिटर्न दाखिल करते वक्त एक बैंक खाते का चयन करना होता है, जिसमें आप रिटर्न चाहते हैं। इस कॉलम को भरते वक्त पूरा ध्यान दें कि आप अपने खाते की सही जानकारी भर रहे हैं।
गलत फॉर्म का चयन
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए नौ तरह के फॉर्म हैं। कौन सा फॉर्म आपके लिए उपयुक्त होगा इसे जानना बेहद जरूरी है। गलत फॉर्म पर दाखिल किया गया रिटर्न आयकर विभाग खारिज कर देगा।
-व्यक्तिगत वेतनभोगी वर्ग के लोग जिनके पास एक संपत्ति है उन्हें आइटीआर-1 फॉर्म भरना चाहिए।
-वेतनभोगी मगर एक से अधिक संपत्ति के मालिकों (जिनका पूंजीगत लाभ नहीं है) को आइटीआर 2ए फॉर्म भरना चाहिए।
-वेतनभोगी, आवास से प्राप्त आय, पूंजीगत लाभ, विदेश में संपत्ति और आय पाने वाले लोगों को आइटीआर-2 फॉर्म भरना चाहिए।
-कारोबारी व ऐसे प्रोफेशनल जिन्हें वेतन मिलता हो या नहीं, एक करोड़ रुपये सालाना से कम की आमदनी या टर्नओवर हो, को अपना आयकर रिटर्न आइटीआर-4 में भरना चाहिए।
आइटीआर को नहीं भेजना
अधिकांश लोग रिटर्न के अपने एकनोलिजमेंट फार्म को सीपीसी बंगलुरू भेजना भूल जाते हैैं। लेकिन आयकर विभाग आपके द्वारा दाखिल किए गए ऑनलाइन रिटर्न की प्रोसेसिंग तब तक शुरू नहीं करता, जब तक यह फॉर्म उसे नहीं मिल जाता। हालांकि इस संबंध में आयकर विभाग ने एक वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत आप इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड के जरिये अपने रिटर्न को वेरिफाई कर सकते हैं। यह कोड आयकर विभाग की वेबसाइट पर प्राप्त किया जा सकता है।
मृदुला राघवन
कंटेंट स्ट्रैटजिस्ट