कीमत नियंत्रण क्या है
बाजार के बाहर के किसी एजेंट की ओर से किसी वस्तु या सेवा की कीमतों के ऊपर लगाई गई अधिकतम और न्यूनतम सीमा कीमत नियंत्रण कहलाती है। न्यूनतम मजदूरी व किराया नियंत्रण नियम कीमत नियंत्रण के उदाहरण हैं। बाजार संतुलन कीमत से नीचे वस्तु की कीमत के निर्धारण का नतीजा
बाजार के बाहर के किसी एजेंट की ओर से किसी वस्तु या सेवा की कीमतों के ऊपर लगाई गई अधिकतम और न्यूनतम सीमा कीमत नियंत्रण कहलाती है। न्यूनतम मजदूरी व किराया नियंत्रण नियम कीमत नियंत्रण के उदाहरण हैं। बाजार संतुलन कीमत से नीचे वस्तु की कीमत के निर्धारण का नतीजा आमतौर पर वस्तु की किल्लत के रूप में सामने आता है।
वजह यह है कि उत्पाद या सेवा की मांग उत्पादकों की ओर से इसे आपूर्ति करने की इच्छा के मुकाबले कहीं आगे निकल जाती है। बाजार संतुलन कीमत से ऊपर कीमत निर्धारण की दशा में आपूर्ति की अधिकता होती है, क्योंकि इस ऊंची कीमत पर उपभोक्ता जितना खरीदेंगे, उसके मुकाबले उत्पादक वस्तु की ज्यादा मात्रा की आपूर्ति करना चाहते हैं।
कीमत नियंत्रण के पैरोकार यह समझने में अक्सर विफल होते हैं कि कीमतें सूचनाएं हैं और ये दुर्लभ संसाधनों के आवंटन व भविष्य के उत्पादन को प्रेरित करने के लिए आवश्यक हैं।