Move to Jagran APP

लंबी अवधि के फंड में क्या बदलाव आया है?

आरबीआइ ने हाल ही में बैंकों व वित्तीय संस्थानों के लिए लंबी अवधि के फंड जुटाने संबंधी नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। अब बैंक आसानी से इसके लिए बांड जारी कर सकते हैं। इन बांडों के खरीदारों में पेंशन फंड, बीमा कंपनियां, संस्थागत निवेशक सहित लंबी अवधि के निवेशक होंगे

By Edited By: Published: Mon, 21 Jul 2014 10:56 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jul 2014 02:37 PM (IST)
लंबी अवधि के फंड में क्या बदलाव आया है?

आरबीआइ ने हाल ही में बैंकों व वित्तीय संस्थानों के लिए लंबी अवधि के फंड जुटाने संबंधी नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। अब बैंक आसानी से इसके लिए बांड जारी कर सकते हैं। इन बांडों के खरीदारों में पेंशन फंड, बीमा कंपनियां, संस्थागत निवेशक सहित लंबी अवधि के निवेशक होंगे।

loksabha election banner

इस तरह के बांडों की परिपक्वता की अवधि कम से कम सात वर्ष की होगी। इन बांडों के लिए अधिकतम सीमा 25 वर्ष तक की हो सकती है। बैंकों को छूट है कि उन्हें इस तरह के बांड निर्गम के लिए अलग से कोई राशि समायोजित नहीं करनी होगी। इसकी वजह से बैंक कम लागत पर फंड जुटा सकेंगे। इससे होम लोन की लागत भी घटने संभावना है। नतीजतन होम लोन पर ब्याज दरों में नरमी आ सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.