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अमेरिकी असर से शुरू हो सकती है बिकवाली

रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों में यथास्थिति बने रहने के बाद शेयर बाजार के सूचकांक अंतरराष्ट्रीय संकेतों की मदद से ऊपर की तरफ बढऩे में सफल रहे। अमेरिकी डॉलर के कुछ कमजोर पडऩे की वजह से कमोडिटी बाजार में सरगर्मी आई और कीमतों में थोड़ी तेजी देखने को

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 03:37 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 03:47 PM (IST)
अमेरिकी असर से शुरू हो सकती है बिकवाली

रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों में यथास्थिति बने रहने के बाद शेयर बाजार के सूचकांक अंतरराष्ट्रीय संकेतों की मदद से ऊपर की तरफ बढऩे में सफल रहे। अमेरिकी डॉलर के कुछ कमजोर पडऩे की वजह से कमोडिटी बाजार में सरगर्मी आई और कीमतों में थोड़ी तेजी देखने को मिली।

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अमेरिका की तरफ से सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहने के चलते डॉलर कमजोर हो गया। इसके चलते अमेरिकी बांडों की रिटर्न की दर में भी गिरावट आई। संकेत मिल रहे हैं कि बांडों की रिटर्न दर कम रहने से उभरते बाजारों में बिकवाली का दौर शुरू हो सकता है।

इसके चलते भारतीय बाजार में भी कुछ समय तक बिकवाली रहने से गिरावट का क्रम बन सकता है। हालांकि रिजर्व बैंक ने स्पष्ट कर दिया है कि ब्याज दरों पर यथास्थिति के बावजूद अगर बजट में आर्थिक सुधारों को लेकर

सरकार आगे बढ़ती है तो केंद्रीय बैंक अपने रुख में परिवर्तन कर सकता है। बैंक कर्ज नीति की अगली समीक्षा पांच अप्रैल को करेगा। अगर वित्त मंत्री बजट में कुछ सकारात्मक कदम उठाते हैं तो रिजर्व बैंक को भी ब्याज दरें कम करने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने वादा भी किया है कि मैन्यूफैक्र्चंरग की धीमी रफ्तार और निर्यात

में कमी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र पर ही अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए सरकार भरोसा कर रही है।

हालांकि हमारा मानना है कि इस तरह मांग बढ़ाने का मतलब होगा महंगाई बढऩे की आशंका। खासतौर पर खाद्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होने की आशंका बढ़ेगी, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में खपत का बड़ा हिस्सा खाद्य उत्पादों पर ही निर्भर है। अगर बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ाने के प्रयास होते हैं तो हमारा मानना है कि

रिजर्व बैंक अप्रैल में ब्याज दर में संभावित कटौती से हाथ खींच सकता है।

कंपनियों का तिमाही प्रदर्शन अभी तक उम्मीद के अनुरूप ही रहा है। टॉपलाइन में कमी होने के बावजूद कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि दर्ज हुई है। इस सप्ताह ज्यादातर सरकारी बैंकों के नतीजे आएंगे। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को मार्च, 2017 से पहले अपनी बैलेंस शीट को साफ सुथरा बनाने का निर्देश दिया हुआ है। इसलिए माना जा रहा है कि बैंकों के ऐसा करने की वजह से नतीजे बहुत आकर्षक नहीं रहेंगे।

बैंकों के अलावा जिन कंपनियों के नतीजे इस सप्ताह आने हैं उनमें डॉ. रेड्डीज लेबोरेट्रीजर्, ंहडाल्को, गेल के

नतीजे मंगलवार को आएंगे। एसीसी, सिपला और अंबुजा सीमेंट बुधवार को अपने नतीजे घोषित करेंगी। कोल इंडिया, ओएनजीसी, हीरो मोटर कॉर्प, टाटा मोटर्स और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स के नतीजे गुरुवार को आएंगे। शुक्रवार को एनएमडीसी, सन फार्मा, एमएंडएम और बीपीसीएल अपने नतीजों का

एलान करेंगी

संदीप पारवाल

एमडी, एसपीए कैपिटल्स


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