Move to Jagran APP

PPF अकाउंट से जुड़ी वे 10 अहम बातें जो आपको जरूर जान लेना चाहिए

PPF account NRI लोगों को नया पीपीएफ अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं होती लेकिन वे अपने मौजूदा पीपीएफ अकाउंट को जारी रख सकते हैं। ppf account rules

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 12:10 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 12:10 PM (IST)
PPF अकाउंट से जुड़ी वे 10 अहम बातें जो आपको जरूर जान लेना चाहिए
PPF अकाउंट से जुड़ी वे 10 अहम बातें जो आपको जरूर जान लेना चाहिए

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF पर सरकार ने अक्टूबर से दिसंबर वाली तिमाही में भी ब्याज दर 7.9 फीसद रखने का ही फैसला किया है। अर्थात ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पीपीएफ लंबी अवधि के लिए काफी अच्छा इन्वेस्टमेंट माना जाता है। सबसे अच्छी बात है कि यह भारत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए यह एक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट है। इसके अलावा पीपीएफ में टैक्स से भी छूट मिलती है। पीपीएफ में एक साल में 1.5 लाख तक के योगदान पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तरह टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। यही नहीं, पीपीएफ में ब्याज आय और मैच्योरिटी भी टैक्स फ्री होती है। पीपीएफ अकाउंट से जुड़ी आज हम आपको वे बातें बताने जा रहे हैं, जो आपको जरूर पता होना चाहिए।

loksabha election banner

1. कोई भी पेरेंट्स या अभिभावक अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं।

2. यदि नाबालिग के पीपीएफ अकाउंट में योगदान अभिभावक की आय से आ रहा है, तो वे आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत आयकर छूट का लाभ ले सकते हैं।

3. जब नाबालिग 18 साल का हो जाए, तो नाबालिग से व्यस्क का स्टेटस बदलने के लिए एक एप्लिकेशन देना होगा। व्यस्क हुए नाबालिग के हस्ताक्षर को अकाउंट खोलने वाले अभिभावक द्वारा अटेस्टेड भी करना होगा। इसके बाद अकाउंट का ऑपरेशन व्यस्क के हाथ में चला जाएगा।

4. पीपीएफ खातों में सातवें वित्तीय वर्ष से आंशिक निकासी की जा सकती है। पीपीएफ अकाउंट में आंशिक निकासी भी टैक्स फ्री होती है।

5. जब पीपीएफ अकाउंट को 15 सालों से आगे बढ़ाया गया है, तब भी आंशिक निकासी की जा सकती है।

6. किसी भी पीपीएफ अकाउंट को मैच्योरिटी की अवधी 15 साल होने के बाद बिना किसी योगदान के भी आगे बढ़ाया जा सकता है। पीपीएफ अकाउंट बंद होने तक ब्याज देता रहता है।

7. अगर सब्सक्राइबर15 साल की मैच्योरिटी अवधि के बाद भी योगदान जारी रखना चाहता है, तो उसे मैच्योरिटी की तारीख से एक साल के अंदर फॉर्म 'H' भरकर जमा कराना होता है।

8. पीपीएफ अकाउंट को ज्वाइंट नाम पर नहीं खोला जा सकता है।

9. एनआरआई नया पीपीएफ अकाउंट नहीं खोल सकते हैं, लेकिन एनआरआई अपने पहले से मौजूद अकाउंट को जारी रख सकते हैं। साथ ही एनआरआई अपने मौजूदा पीपीएफ अकाउंट में योगदान भी नहीं दे सकते हैं।

10. पीपीएफ अकाउंट में ब्याज की गणना प्रत्येक महीने की 5 वीं और आखिरी तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर होती है। इसलिए अधिकतम ब्याज पाने के लिए सब्सक्राइबर को अपना योगदान या एकमुश्त राशि हर महीने की 5 तारीख से पहले जमा करानी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.