शेयर बाजार में बढ़त बने रहने के आसार
चीन की मुद्रा युआन के अवमूल्यन, संसद में कामकाज का न होना और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर में वृद्धि की घोषणा ने एक तरह से पूरी दुनिया के बाजारों में घबराहट ला दी है। लेकिन, हमारा मानना है कि युआन का अवमूल्यन व अमेरिका में ब्याज
चीन की मुद्रा युआन के अवमूल्यन, संसद में कामकाज का न होना और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर में वृद्धि की घोषणा ने एक तरह से पूरी दुनिया के बाजारों में घबराहट ला दी है। लेकिन, हमारा मानना है कि युआन का अवमूल्यन व अमेरिका में ब्याज दरों के बढ़ने का असर होने में अभी चार से छह महीने का वक्त लगेगा। फौरी तौर पर इसका इतना असर हो सकता है कि विदेशी निवेशक तस्वीर पूरी तरह साफ होने तक निवेश के अपने फैसलों को टाल दें।
वैसे हमें उम्मीद है कि मध्यम अवधि में शेयर बाजारों में बढ़त बनी रहेगी। अगर सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर जीएसटी विधेयक को पारित कराने की कोशिश करती है तो बाजार उसे सकारात्मक लेगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) से राहत भी बाजार के लिए सकारात्मक रहेगा।
बीते सप्ताह चीन में पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने एक के बाद एक दो बार युआन की कीमत में तीन फीसद की कटौती करने का एलान किया। इसका असर भारतीय मुद्रा पर दिखाई दिया। ग्लोबल बाजारों में जिंसों की घटती कीमत व विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति काफी मजबूत होने की वजह से भारत काफी बेहतर स्थिति में है। इसके बावजूद मेटल, स्टील, टायर व कुछ अन्य मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों के निर्यात को चीन के इस कदम से निश्चित रूप से झटका लगा है।
बैंकों में सुधार की सरकार की सात सूत्री रणनीति के एलान के बाद सरकारी बैंकों में इस सप्ताह चमक बनी रह सकती है। पीएसयू बैंकों के भविष्य पर निवेशकों में जो आशंका बनी हुई थी, सरकार के इस एलान से वह दूर हो गई है। सरकार ने बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने के अलावा उनके कामकाज में सुधार के कई कदम उठाए हैं। बैंकों को अब बाजार से अतिरिक्त पूंजी जुटाने में भी मदद मिलेगी। अगर रिजर्व बैंक कर्ज नीति की समीक्षा से पहले ब्याज दर में कटौती का कोई फैसला लेता है तो पीएसयू बैंकों को इसका बाजार में लाभ मिल सकता है। तेल कंपनियों ने एक बार फिर पेट्रोल व डीजल के दाम में कटौती की घोषणा की है।
इसके चलते सोमवार को बाजार में इन कंपनियों के शेयरों में हलचल रहेगी। जहां तक वैश्विक संकेतों का सवाल है, सबकी नजरें ग्रीस पर रहेंगी। 20 अगस्त को ग्रीस की यूरोपीयन सेंट्रल बैंक का कर्ज चुकाने की समय सीमा समाप्त हो रही है। इस तारीख तक ग्रीस की सरकार को 3.2 अरब यूरो का भुगतान करना है। सोमवार को जापान दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े पेश करेगा। इसी दिन 28-29 जुलाई को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के मिनट्स जारी होंगे। बाजार की नजरें इस पर रहेंगी, क्योंकि इससे बैंक की आगे की सोच के बारे में संकेत मिलेंगे।
संदीप पारवाल
एमडी
एसपीए
कैपिटल्स