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मुद्रा योजना का ऐसे उठाएं लाभ

देश में छोटे स्तर के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुद्रा योजना का शुभारंभ हो चुका है। केंद्र ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 122 अरब रुपये का वितरण करने की योजना बनाई है। देश के कोने-कोने में उद्यमशीलता

By Edited By: Published: Wed, 28 Oct 2015 10:55 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2015 11:25 AM (IST)
मुद्रा योजना का ऐसे उठाएं लाभ

देश में छोटे स्तर के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुद्रा योजना का शुभारंभ हो चुका है। केंद्र ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 122 अरब रुपये का वितरण करने की योजना बनाई है। देश के कोने-कोने में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए यह बहुत ही अहम कदम साबित हो सकता है। साथ ही यह औद्योगीकरण की रफ्तार को भी तेजी से बढ़ा सकता है।

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सौ देशों में सर्वे के आधार पर तैयार विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त सुविधा का अभाव कारोबार शुरू करने की राह की अब भी सबसे बड़ी अड़चन बनी हुई है। अब यह योजना शुरू हो चुकी है तो उम्मीद की जानी चाहिए कि उद्यमियों और खास तौर पर छोटे उद्यमियों को वित्त सुविधा आसानी से उपलब्ध हो पाएगी। लेकिन इसका फायदा लेने के लिए उद्यमियों को भी चाहिए कि वे अपने वित्तीय रिकॉर्ड को साफ सुथरा रखें। कारोबारियों के रिकॉर्ड के साथ ही उनकी कंपनी के रिकॉर्ड भी साफ-सुथरे होने चाहिए, तभी वित्तीय संस्थान उन्हें आसानी से कर्ज दे सकेंगे। कोई भी बैंक पुराने वित्तीय रिकॉर्ड को देखते हुए कर्ज नहीं देते हैं। तो इस स्कीम के तहत कर्ज लेने की सोच रहे उद्यमियों को मैं ये सावधायिां बरतने की सलाह दूंगी, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।

हर कंपनी की कर्ज लेने की औकात
बैंकों की नजर में हर तरह के कारोबार या व्यवसाय की अपनी क्रेडिटवर्दीनेस होती है। यानी उक्त कारोबार को एक सीमा के अंदर ही कर्ज दिया जा सकता है। यह कई चीजों पर निर्भर करती है। कारोबारी कपनी क्रेडिट रिपोर्ट (सीसीआर) के जरिये अपनी कर्ज लेने की क्षमता और संभाव्यता को बढ़ा सकते हैं। सीसीआर हर कंपनी की हर महीने पर बकाये कर्ज और कर्ज भुगतान के उसके रिकॉर्ड का आकलन होता है। इसमें कंपनी पर बकाया कर्ज, ओवरड्राफ्ट की सुविधा, कर्ज की परिपक्वता अवधि, बैंक गारंटी या अन्य किसी भी प्रकार के कर्ज विस्तृत ब्योरा होता है। इसके आधार पर ही कोई भी बैंक या गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां किसी कंपनी या उसके हिस्सेदार को अतिरिक्त लोन देने पर फैसला करते हैं।


कर्ज का भुगतान नियमित करें
अनियमित तौर पर कर्ज का भुगतान करना या भुगतान को बंद करना भविष्य में अतिरिक्त लोन लेने की आपकी संभावनाओं पर ग्रहण लगा देगा। इससे कारोबार का विस्तार करने की आपकी उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। इसलिए मेरे इस सुझाव पर जरूर अमल करें और हर तरह के कर्ज का भुगतान निश्चित समय पर करते रहें।

साझेदारों के भुगतान पर भी नजर रखें
कारोबार विस्तार के लिए सिर्फ आपका रिकॉर्ड ही नहीं, बल्कि आपके कारोबारी साझेदारी का रिकॉर्ड भी मायने रखता है। साझेदारी या हिस्सेदारी वाली कंपनियों को लोन देने से पहले बैंक हर हिस्सेदार के कर्ज भुगतान के रिकॉर्ड की जांच करते हैं। इसलिए कर्ज के लिए आवेदन करने से पहले अपने साझेदारों के रिकॉर्ड की भी जांच कर ले।


लोन गारंटर की भूमिका भी अहम
कर्ज देने से पहले बैंक आपकी या आपकी कंपनी की लोन गारंटर के तौर पर भूमिका का भी अध्ययन करते हैैं। यानी अगर आपने किसी को कर्ज दिलाने में गारंटी दी है और उसका रिकॉडच् अच्छा नहीं है तो फिर आपकी संभावनाओं पर भी बादल छा सकते हैं।

सीसीआर को जरूर देखें
कर्ज के लिए आवेदन देने से पहले अपनी कंपनी का सीसीआर (कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट) जरूर हासिल करें और इसकी समीक्षा करें। समीक्षा से आपको पता चलेगा कि आपको कहां-कहां कदम उठाने की जरूरत है, ताकि आसानी से कर्ज आपको मिल सके। आपको इससे सिर्फ कर्ज आसानी से नहीं मिलते हैं, बल्कि यह भी पता चलता है कि आपकी कंपनी कहां-कहां गलती कर रही है। उसे किस तरह से सुधारा जा सकता है। कर्ज का प्रबंधन किस तरह से किया जा सकता है।
हर्षला चंदोरकर
चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर,
सिबिल


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