निवेश पोर्टफोलियो में एसआइपी का क्या महत्व है?
निवेश को लेकर मेरा पहला सुझाव तो यही होता है कि जितनी जल्दी हो इसकी शुरुआत हो जानी चाहिए। साथ ही, हमेशा कुछ न कुछ लक्ष्य के साथ निवेश करना चाहिए मसलन शादी, परिवार की जरूरतें, बच्चों की शिक्षा आदि। इससे आपको निवेश योजना बनाना और उसमें बदलाव करना आसान होता है। बहरहाल, सवा
निवेश को लेकर मेरा पहला सुझाव तो यही होता है कि जितनी जल्दी हो इसकी शुरुआत हो जानी चाहिए। साथ ही, हमेशा कुछ न कुछ लक्ष्य के साथ निवेश करना चाहिए मसलन शादी, परिवार की जरूरतें, बच्चों की शिक्षा आदि। इससे आपको निवेश योजना बनाना और उसमें बदलाव करना आसान होता है। बहरहाल, सवाल यह है कि एसआइपी की पोर्टफोलियो में क्या हिस्सेदारी होनी चाहिए। तो मेरा मानना है कि किसी भी लंबी अवधि के निवेश लक्ष्य को हासिल करने में एसआइपी काफी अहम भूमिका निभा सकती है। एसआइपी यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इसके जरिये एक योजना के तहत निवेश किया जाता है।
कई बार लोग लंबी अवधि के लक्ष्य इसलिए नहीं बना पाते, क्योंकि उन्हें लगता है कि निवेश की बड़ी राशि कहां से आएगी। ऐसे लोगों के लिए एसआइपी काफी बेहतर विकल्प है। क्योंकि आप अपनी क्षमता के मुताबिक राशि इसके तहत एक निश्चित अंतराल पर निवेश कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि बाजार में अचानक होने वाले उथल-पुथल से बचा जा सकता है। कई बार निवेशक यह सोचता है कि बाजार में वह निवेश करना कब शुरू करे। बाजार में गिरावट के समय निवेश की शुरुआत हो या तेजी के समय?
हकीकत यह है कि निवेश के लिए सही समय का इंतजार कई बार इतना लंबा हो जाता है कि निवेश कभी भी पैसा नहीं लगा पाता। इस श्रेणी के निवेशको को एसआइपी पर भरोसा करना चाहिए। जब बाजार में तेजी होती है तो एसआइपी कम शेयर खरीदती है और जब बाजार में मंदी होती है तो यह ज्यादा शेयर खरीदती है। हां, आपको निश्चित अवधि पर एक ही राशि लगानी होती है। लंबी अवधि में निवेश करने से पूरी लागत भी कम होती है। एसआइपी की एक खासियत यह भी है कि इससे लगातार निवेश की आदत बनती है। इसे निवेशक आगे चलकर और बढ़ा सकता है।
म्यूचुअल फंडों में एसआइपी के जरिये निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। निवेशक बाजार में उपलब्ध तमाम म्यूचुअल फंड एसआइपी में से किसी एक का चयन कर सकते हैं।
निमेश शाह
एमडी एवं सीईओ
आइसीआइसीआइ म्यूचुअल फंड