Move to Jagran APP

आरईआइटी : निवेश का नया विकल्प

फंड का फंडा, धीरेंद्र कुमार। पांच साल के अंतराल के बाद बाजार नियामक सेबी ने एक बार फिर देश में रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्टों (आरईआइटी) की शुरुआत का प्रस्ताव दिया है। ये ट्रस्ट मोटे तौर पर ऐसे म्यूचुअल फंड होंगे जो रीयल एस्टेट क्षेत्र में निवेश करेंगे। एक नजरिये से तो

By Edited By: Published: Mon, 21 Oct 2013 01:36 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
आरईआइटी : निवेश का नया विकल्प

फंड का फंडा, धीरेंद्र कुमार। पांच साल के अंतराल के बाद बाजार नियामक सेबी ने एक बार फिर देश में रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्टों की शुरुआत का प्रस्ताव दिया है। ये ट्रस्ट मोटे तौर पर ऐसे म्यूचुअल फंड होंगे जो रीयल एस्टेट क्षेत्र में निवेश करेंगे।

loksabha election banner

एक नजरिये से तो ये ट्रस्ट देश में बेहद लोकप्रिय साबित होने चाहिए क्योंकि भारतीय लोग अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में रीयल एस्टेट को काफी ज्यादा तरजीह देते हैं। कई बार तो रीयल एस्टेट क्षेत्र में निवेश करना इतना जरूरी माना जाता है कि जैसे किसी डॉक्टर ने ऐसा करने की सलाह दी हो। हालांकि सेबी ने जिस रूप में आरईआइटी को मंजूरी का प्रस्ताव दिया है, उनकी प्रजाति कुछ अलग है। इन फंडों को केवल तैयार परियोजनाओं में ही निवेश की इजाजत होगी। इसके कारण यह फंड रीयल एस्टेट क्षेत्र की परियोजनाओं के उस चरण में निवेश करने से वंचित रह जाएंगे, जिसमें निवेशकों को सबसे ज्यादा पूंजीगत लाभ मिलता है।

इस बंदिश का उद्देश्य निवेशकों को एकत्रित करके उन्हें किराये से आय अर्जित करने वाली संपत्तियों में निवेश का अवसर उपलब्ध कराना है। इससे निवेशकों को लंबे समय तक स्थाई आय हासिल होगी। आरईआइटी क्लोज्ड एंडेड फंड होंगे और इनकी यूनिट्स का कारोबार होगा। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि आरईआइटी रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए नई पूंजी उपलब्ध नहीं कराएंगे। धन हर सूरत में उपयोगी होता है। आरईआइटी डेवलपरों को तैयार परियोजनाओं से बाहर निकलने का अवसर उपलब्ध कराएंगे, जिससे उनकी रकम दूसरी परियोजनाओं में निवेश हो सकेगी।

सुचारू रूप से चलने वाले रीयल एस्टेट सेक्टर में डेवलपर परियोजनाएं तैयार करते हैं और उन्हें आरईआइटी को बेचकर बाहर निकल जाते हैं। आरईआइटी अंतिम निवेशकों से संसाधन जुटाते हैं, किराये से आय अर्जित करते हैं और अंतिम उपभोक्ता को संपत्ति बेचकर पूंजीगत लाभ हासिल करते हैं। परियोजना शुरु होने से लेकर पूरी तरह से तैयार होने तक के जोखिमपूर्ण चरण के लिए अब भी डेवलपरों को ही रकम लगानी होगी। आम निवेशकों के लिए, आरईआइटी वास्तविक संपत्ति खरीदे बिना रीयल एस्टेट में निवेश का अवसर उपलब्ध कराएंगे। यह न सिर्फ सीधे शेयर खरीदने के बजाय म्यूचुअल फंड खरीदने के समान है, बल्कि यह कुछ इस तरह का निवेश है कि आप सीधे कारोबार करने के बजाय एक म्युचुअल फंड खरीद रहे हैं।

यह केवल योजना है। असलियत में भारतीय रीयल एस्टेट क्षेत्र के हालात कुछ अलग हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में यह कारोबार बेहद खराब है। उम्मीद है कि आरईआइटी इस क्षेत्र को साफ करने वाला कदम साबित होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.