रेट रेगुलेशन क्या है?
रेट रेगुलेशन यानी दर विनियमन जनोपयोगी सेवाओं को नियंत्रित करने का पारंपरिक तरीका है। सरकार की ओर से दिए गए एकाधिकार के बदले में जनोपयोगी सेवाएं कीमतों या उत्पादन पर अंकुश लगाने पर सहमत हो जाती हैं। परंपरागत रूप से यह माना जाता रहा है
By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2016 12:40 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2016 12:47 PM (IST)
रेट रेगुलेशन यानी दर विनियमन जनोपयोगी सेवाओं को नियंत्रित करने का पारंपरिक तरीका है।
सरकार की ओर से दिए गए एकाधिकार के बदले में जनोपयोगी सेवाएं कीमतों या उत्पादन पर अंकुश लगाने पर
सहमत हो जाती हैं। परंपरागत रूप से यह माना जाता रहा है कि इससे प्राकृतिक एकाधिकार तो बढ़ेगा लेकिन यह
उपभोक्ताओं को गैर विनियमित एकाधिकार से बचाएगा। हालांकि विनियमन से संबंधित अध्ययन दर्शाते हैं कि अक्सर दर विनियमन से निर्माताओं को ही लाभ पहुंचता है। वस्तुओं की कीमत बाजार भाव से अधिक होती है।
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