बाजार के हिसाब से न चलाइए एसआइपी
यह भले ही आसान माना जाता हो, लेकिन एसआइपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिये निवेश करने के बारे में कई मिथ्या धारणाएं हैं। हमें कई निवेशकों के ईमेल मिलते हैं, जो ऐसे सवाल पूछते हैं। इनसे पता चलता है कि एसआइपी के बारे में उन्हें समझ नहीं है। इसका दुरुपयोग
यह भले ही आसान माना जाता हो, लेकिन एसआइपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिये निवेश करने के बारे में कई मिथ्या धारणाएं हैं। हमें कई निवेशकों के ईमेल मिलते हैं, जो ऐसे सवाल पूछते हैं। इनसे पता चलता है कि एसआइपी के बारे में उन्हें समझ नहीं है। इसका दुरुपयोग हो रहा है। ऐसे ही एक सवाल का नमूना देखिए- बाजार काफी ऊंचे स्तर पर है। निफ्टी 82 से ऊपर है। ऐसे में क्या एसआइपी बरकरार रखना बुद्धिमता है?
यह सिर्फ अकेला ऐसा उदाहरण नहीं है। सामान्यत: जिन लोगों की प्रवृत्ति निवेश करने के बजाय सटोरिये की है, वे इसे एसआइपी के संबंध में भी रखते हैं। वे बाजार के चाल के अनुसार एसआइपी बंद या शुरू करते हैं।
मुझे याद है कि 2010 में निवेशक दावा कर रहे थे कि एसआइपी अच्छा नहीं है और वे बमुश्किल पूर्व के वर्षों की अपेक्षा बेहतर कर पाए हैं। आम तौर पर ये ऐसे लोग थे, जिन्होंने 2008 में बाजार के नीचे आने पर अपना एसआइपी बंद कर दिया था और 2009 में बाजार में सुधार के बाद फिर से शुरू कर दिया था।
एसआइपी के पीछे मूल विचार यह है कि शेयर में निवेश का रुख ऊपर की ओर है। सामान्यत: रुझान के आधार पर वास्तविक उतार-चढ़ाव की भरोसेमंद तरीके से भविष्यवाणी करना संभव नहीं है। किसी भी व्यक्ति को एक खास वक्त पर निवेश करने की बजाय व्यक्ति को लगातार एक निश्चित राशि निवेश करनी चाहिए। जैसे-जैसे समय गुजरता है और निवेश का एनएवी या बाजार मूल्य चढ़ता-उतरता है तो इससे आप स्वत: ही निम्न मूल्य पर शेयर या यूनिट खरीदोगे।
इस तरह जब आप अपनी यूनिट को भुनाना चाहोगे तो आपकी सभी यूनिट एक समान कीमत की होंगी। आपके एसआइपी का मतलब है कि आपने अधिकांश यूनिटें ऐसे समय खरीदीं जब कीमत कम थीं। इसलिए आपके रिटर्न अधिक हैं। अगर आपने अधिक कीमत पर इनको खरीदा होता तो यह रिटर्न कम होता। इस तरह इस ढंग से यह होना चाहिए। इसलिए जब बाजार निचले स्तर पर है, तब आपको निवेश करना चाहिए। एक स्तर पर एसआइपी कुछ नहीं है सिर्फ एक मनोवैज्ञानिक चाल है, जिससे आप बाजार नीचा होने पर निवेश करते हैं बिना यह सोचे कि आगे क्या होगा।
धीरेंद्र कुमार