चीन के युआन से प्रभावित रहेगा बाजार
चीन में युआन की कीमत में हुए अवमूल्यन और मैन्यूफैक्र्चंरग के कमजोर आंकड़ों के चलते बाजार बीते सप्ताह पांच फीसद नीचे आ गया।
चीन में युआन की कीमत में हुए अवमूल्यन और मैन्यूफैक्र्चंरग के कमजोर आंकड़ों के चलते बाजार
बीते सप्ताह पांच फीसद नीचे आ गया।
दरअसल, युआन का अवमूल्यन बहुत हैरान करने वाला नहीं है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तरफ से युआन को एसडीआर में शामिल करने के बाद चीन के लिए विदेशी और घरेलू बाजार में युआन की कीमत को बराबरी पर लाना आवश्यक था। अभी दोनों बाजारों में युआन की कीमत में दो फीसद का अंतर और बचा है। लिहाजा युआन की कीमत में अभी और गिरावट आ सकती है। लंबी अवधि के लिहाज से देखें तो युआन की कीमत डॉलर के मुकाबले और गिर सकती है क्योंकि युआन का रीयल इफेक्टिव एक्सचेंज रेट अभी भी 30 फीसद ओवर वैल्यू माना जा रहा है।
अगर विदेशी निवेशक इन स्थितियों में चीन से निवेश निकालते हैं तो यह निवेश भारत की तरफ आ सकता है। चूंकि भारत अभी भी विकास दर के लिहाज से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है, इसलिए इन देशों के बाजारों से निकलने वाला निवेश भारत की तरफ आकर्षित हो सकता है। बाजार की मौजूदा वैल्यूएशन को
देखते हुए हमें लगता है कि अभी दीर्घकालीन निवेश के लिहाज से निवेश के उपयुक्त अवसर हैं।
बीते दो साल में दिसंबर के महीने में मैन्यूफैक्र्चंरग पीएमआइ में पहली बार गिरावट आई है। हालांकि, इसकी बड़ी वजह चेन्नई में बारिश की वजह से पैदा हुई बाढ़ की स्थिति रही है। लेकिन मैन्यूफैक्र्चंरग की रफ्तार धीमी होने के पीछे घरेलू मांग में हो रही कमी भी एक बड़ी वजह है। अर्थव्यवस्था के लिहाज से यह बुरी खबर है। लेकिन इसका सकारात्मक असर यह हुआ है कि सरकार एक बार फिर जीएसटी विधेयक को पारित कराने की कोशिशों में जुट गई है। इसके लिए न केवल कांग्रेस को मनाने की कोशिश हुई, बल्कि सरकार ने जीएसटी के लिए बजट सत्र को समय से पहले बुलाने का प्रस्ताव भी कर दिया है। कंपनियों के तिमाही नतीजे इस
सप्ताह से आना शुरू हो जाएंगे। जिन प्रमुख कंपनियों के नतीजे आने हैं उनमें इंडसइंड बैंक, टीसीएस, मंगलवार को, इंफोसिस गुरुवार कोर्, ंहदुस्तान यूनिलीवर, जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइसेज शुक्रवार को और कोटक र्मंहद्रा बैंक के नतीजे शनिवार को आएंगे। आइटी कंपनियों के नतीजे चेन्नई बाढ़ और परंपरागत रूप से कमजोर तिमाही होने के चलते शांत रह सकते हैं। एचयूएल के नतीजों में बाजार की नजर कंपनी के वॉल्यूम पर रहेगी, क्योंकि ग्रामीण बाजारों में इस बार मांग कम रहेगी।
संदीप पारवाल
एमडी, एसपीए कैपिटल्स