ITR FY2019-20: इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए इन दस्तावेजों को पड़ेगी जरूरत, देख लीजिए लिस्ट
ITR फाइल करते समय हमेशा इस बात को लेकर दुविधा होती है कि इसके लिए किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। इसकी वजह यह है कि इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आपको कई सारे वित्तीय दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है जिनके बारे में जानकारी जरूरी होती है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय हमेशा इस बात को लेकर दुविधा होती है कि इसके लिए किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। वहीं, पहली बार रिटर्न भरने के समय तो यह दुविधा और बढ़ जाती है। इसकी वजह यह है कि इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आपको कई सारे वित्तीय दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। इसी को देखते हुए सरकार किसी भी वित्त वर्ष के खत्म होने के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए चार माह का अतिरिक्त समय देती है। हालांकि, इस साल तो कोरोना वायरस महामारी की वजह से टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त समय मिल गया है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा दिसंबर, 2020 तक की है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आप वेतनभोगी तबके से आते हैं या फिर किसी तरह का बिजनेस करते हैं तो आपको बिना भूले हर साल इनकम टैक्स रिटर्न भरना चाहिए। इससे आपको Home Loan या Car Loan लेने में सुविधा होती है। आइए जानते हैं कि ITR भरने से पहले आपको कौन-कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
Form 16
सभी वेतनभोगी लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए Form 16 सबसे अहम दस्तावेज होता है। यह दस्तावेज नियोक्ता अपने कर्मचारियों को जारी करते हैं। यह जरूरी दस्तावेज होता है और नियोक्ता को हर उस कर्मचारी को Form 16 जारी करना होता है, जिसकी सैलरी से उसने इनकम टैक्स की कटौती की थी। इस दस्तावेज में कर्मचारी को कंपनी द्वारा दी गई सैलरी और टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) सर्टिफिकेट होता है।
यहां आपके लिए इस बात की जानकारी अनिवार्य है कि फॉर्म-16 के दो भाग होते हैं- पार्ट ए और बी। पार्ट ए में किसी एक वित्त वर्ष में नियोक्ता द्वारा की गई आयकर कटौती का ब्योरा होता है। इसके अलावा इसमें कर्मचारी के परमानेंट अकाउनंट नंबर (PAN) से जुड़ा विवरण होता है। साथ ही नियोक्ता के टैन नंबर से जुड़ी जानकारी होती है। दूसरी ओर, फॉर्म बी में कर्मचारी की कुल सैलरी से जुड़ी सभी तरह की जानकारी होती है।
ब्याज से होने वाली आय का प्रमाण पत्र
सैलरी से होने वाली आय के अलावा लोगों को अन्य स्रोतों से भी ब्याज के रूप में कुछ आमदनी होती है। उदाहरण के लिए यह आमदनी सेविंग अकाउंट में जमा राशि या बैंक या डाकघर में जमा राशि से हो सकती है। बैंक या पोस्ट ऑफिस सहित अन्य वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों को ब्याज का ब्योरा या बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराते हैं।
टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट
अगर आपने बचत योजनाओं से जुड़ी जानकारी अपने नियोक्ता को नहीं दी है तो आप आयकर विभाग को सीधे इस बात की जानकारी दे सकते हैं। इनमें एलआईसी के प्रीमियम भुगतान की रसीद, मेडिकल इंश्योरेंस की रसीद, पब्लिक प्रोविडेंट फंड का पासबुक, पांच साल की एफडी की रसीद, म्यूचुअल फंड में निवेश से जुड़ी जानकारी, होम लोन के भुगतान का प्रमाण पत्र या स्टेटमेंट, किसी को दान दिया है तो उसकी रसीद और साथ ही ट्यूशन फीस का भुगतान किया है तो उसकी रसीद इसमें शामिल हो सकती है।
Form 26AS
आयकर विभाग हर साल एकीकृत टैक्स स्टेटमेंट जेनरेट करता है, जिसे 'Form 26AS' कहते हैं। PAN का इस्तेमाल करते हुए सभी टैक्सपेयर्स आसानी से 'Form 26AS' प्राप्त कर सकते हैं। इसमें वेतनभोगी तबके द्वारा दिए गए टीडीएस एवं कारोबारियों द्वारा दिए गए कर का पूरा ब्योरा होता है।