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निवेशकों में बना हुआ है म्यूचुअल फंड का आकर्षण, 2020 में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने जोड़े 72 लाख नए फोलियो

कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड का आकर्षण कायम है। म्यूचुअल फंड कंपनियों ने 2020 में 72 लाख नए फोलियो जोड़े। ऊंची खर्च योग्य आय और बैंक जमा पर कम ब्याज की वजह से निवेशकों का म्यूचुअल फंड की ओर झुकाव बढ़ा है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 08:14 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 08:14 AM (IST)
निवेशकों में बना हुआ है म्यूचुअल फंड का आकर्षण, 2020 में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने जोड़े 72 लाख नए फोलियो
एंफी के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में म्यूचुअल फंड उद्योग ने 68 लाख फोलियो जोड़े थे।

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड का आकर्षण कायम है। म्यूचुअल फंड कंपनियों ने 2020 में 72 लाख नए फोलियो जोड़े। ऊंची खर्च योग्य आय और बैंक जमा पर कम ब्याज की वजह से निवेशकों का म्यूचुअल फंड की ओर झुकाव बढ़ा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एंफी) ने यह जानकारी दी है। एंफी के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में म्यूचुअल फंड उद्योग ने 68 लाख फोलियो जोड़े थे। व्यक्तिगत निवेशकों के खातों को फोलियो कहा जाता है। एक निवेशक के कई फोलियो हो सकते हैं।  

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एंफी के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर, 2020 के अंत तक 45 म्यूचुअल फंड कंपनियों के कुल फोलियो की संख्या 72 लाख बढ़कर 9.43 करोड़ पर पहुंच गई। दिसंबर, 2019 के अंत तक यह संख्या 8.71 करोड़ थी। मायवेल्थग्रोथ डॉट कॉम के सह-संस्थापक हर्षद चेतनवाला ने कहा कि 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान बाजार में 'करेक्शन' और सुधार के चरण में निवेशकों ने अपने म्यूचुअल फंड निवेश को बढ़ाया। 

उन्होंने कहा, 'नए निवेशकों ने भी इस दौरान म्यूचुअल फंड में निवेश किया। वहीं मौजूदा निवेशकों ने अपने निवेश को नई योजनाओं में डायवर्सिफाई किया। इन दोनों वजहों से फोलियो की संख्या में इजाफा हुआ।' उन्होंने कहा कि यह संख्या और अधिक हो सकती थी, लेकिन निवेशकों के एक वर्ग ने मुनाफावसूली भी की। 

ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि डिजिटल इंवेस्टमेंट प्लेटफॉ‌र्म्स के जरिये खाता खोलना आसान हो गया है। इससे निवेशकों की म्यूचुअल फंड तक पहुंच आसान हुई है। इसके साथ-साथ रेगुलर प्लान का सस्ता विकल्प होने के कारण भी म्यूचुअल फंडों की ओर से लोगों का रुझान बढ़ा है। नियामकीय मोर्चे पर आधार से वेरिफिकेशन, यूपीआइ आधारित पेमेंट, नई म्यूचुअल फंड कैटेगरी आने व मौजूदा कैटेगरी को आसान बनाने और नेट असेट वैल्यू में पारदर्शिता ने भी इस उद्योग की तेजी में मदद की है।


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