महंगाई से बचने को इंफ्लेशन बांड
इंफ्लेशन इंडेक्स्ड नेशनल सेविंग्स सिक्योरिटीज-क्यूमलेटिव (आइआइएनएसएस-सी) क्या है और इसमें कौन निवेश कर सकता है? केंद्र सरकार रिजर्व बैंक के माध्यम से अगले सप्ताह आम जनता को महंगाई से सुरक्षा देने वाले एक निवेश इंस्टूमेंट को बाजार में पेश करने जा रही है, जिसे आइआइएनएसएस-सी का नाम दिया गया है। इसमें कोई भी व्यक्ति, संस्
इंफ्लेशन इंडेक्स्ड नेशनल सेविंग्स सिक्योरिटीज-क्यूमलेटिव (आइआइएनएसएस-सी) क्या है और इसमें कौन निवेश कर सकता है?
केंद्र सरकार रिजर्व बैंक के माध्यम से अगले सप्ताह आम जनता को महंगाई से सुरक्षा देने वाले एक निवेश इंस्टूमेंट को बाजार में पेश करने जा रही है, जिसे आइआइएनएसएस-सी का नाम दिया गया है। इसमें कोई भी व्यक्ति, संस्थान, अविभाज्य हिंदू परिवार (एचयूएफ), धर्मार्थ ट्रस्ट, केंद्र व राज्य की तरफ से पंजीकृत विश्वविद्यालय, आदि निवेश कर सकते हैं।
इस पर हर हालत में निवेशकों को 1.5 फीसद का रिटर्न मिलेगा। वैसे सामान्य परिस्थितियों में सालाना महंगाई की दर के ऊपर 1.5 फीसद का रिटर्न निवेशकों को मिलेगा। मसलन, महंगाई की दर अगर सात फीसद सालाना है तो निवेशकों को 8.5 फीसद का रिटर्न मिलेगा। छह महीने के लिए अगर महंगाई दर पांच फीसद है तो निवेशकों को 5.75 फीसद का रिटर्न मिलेगा (पांच फीसद महंगाई की दर और 1.5 फीसद सालाना का आधा यानी 0.75 फीसद)। अगर महंगाई की दर शून्य से नीचे भी चली जाती है तब भी ग्राहकों को न्यूनतम 1.5 फीसद का रिटर्न मिलेगा।
इस पर रिटर्न की गणना छमाही आधार पर की जाएगी लेकिन भुगतान परिपक्वता अवधि के समय ही किया जाएगा। इसके लिए खुदरा महंगाई की दर को आधार बनाया जाएगा। इस स्कीम में अधिकृत बैंकों या स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन के जरिए निवेश किया जा सकता है। एसबीआइ व उसके सभी सहयोगी बैंकों, राष्ट्रीयकृत बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक को स्कीम के लिए नियुक्त किया गया है। स्कीम में न्यूनतम पांच हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है। इसमें संयुक्त खाते के तहत भी निवेश किया जा सकता है। परिपक्वता अवधि से पहले भी निवेशित राशि निकालने की व्यवस्था है लेकिन इसके लिए कुछ आर्थिक दंड देना पड़ेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ राहत है। वे एक वर्ष बाद ही अपनी निवेशित राशि निकाल सकते हैं लेकिन सामान्य निवेशकों के लिए परिपक्वता अवधि तीन वर्ष की है।