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एनपीएस में कैसे निवेश करना

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) के लिए कुछ अहम एलान किए थे। इसमें एक अहम घोषणा यह थी कि एनपीएस में 50 हजार रुपये तक के निवेश पर अतिरक्त कर छूट लिया जा सकता है। यह कर छूट

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 08:14 AM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 10:05 AM (IST)
एनपीएस में कैसे निवेश करना

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) के लिए कुछ अहम एलान किए थे। इसमें एक अहम घोषणा यह थी कि एनपीएस में 50 हजार रुपये तक के निवेश पर अतिरक्त कर छूट लिया जा सकता है। यह कर छूट आयकर की धारा 80सी के तहत मिलने वाली 1.50 लाख रुपये की सीमा के अतिरिक्त होगी।

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अगर आपने चालू वित्त वर्ष के लिए आय कर की सारी तैयारियां कर ली हैं और 1.50 लाख रुपये की निवेश सीमा को पूरा कर चुके हैं तो आप एनपीएस में निवेश के विकल्प का चयन कर सकते हैं। एनपीएस में सरकारी व गैर सरकारी सभी तरह के कर्मचारी निवेश कर सकते हैं। स्वरोजगार वाले व्यक्ति या निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी भी इसमें निवेश कर सकते हैं। यह सिर्फ आपको कर बचाने में सहयोगी साबित नहीं होगा, बल्कि जब आपकी उम्र 60 वर्ष की होगी तो आपके लिए पेंशन का भी इंतजाम हो जाएगा।

कई लोग यह सोचेंगे कि जब वे पहले से ही रिटायरमेंट फंड में निवेश कर रहे हैं तो फिर एनपीएस में पैसा लगाने की क्या जरूरत है। इन लोगों को सुझाव है कि इसके बावजूद एनपीएस में निवेश करना फायदेमंद साबित हो सकता है। सबसे पहली बात तो यह है कि इससे आपको अतिरिक्त कर लाभ मिलेगा। एनपीएस रिटायरमेंट के लिए एकमात्र निवेश विकल्प है, जिसमें योगदान देने पर कर्मचारी को भी कर लाभ मिलता है। कर्मचारी भविष्य निधि भी एक विकल्प है, लेकिन आप यह याद रखिए कि इसका कोई भी हिस्सा शेयर में निवेश नहीं किया जाता।

एनपीएस का एक हिस्सा शेयर बाजार में लगाया जाता है, इसलिए यह बेहतर रिटर्न देने की भी क्षमता रखता है। हालांकि एनपीएस का एक नकारात्मक पहलू यह है कि जब आप निवेशित राशि वापस निकालते हैं, तब इस पर टैक्स लगता है। जबकि ईपीएफ पर कोई कर नहीं लगाया जाता। अर्जित ब्याज और निकाली गई राशि पर भी टैक्स नहीं लगता।

एनपीएस में आप जो राशि देते हैं उसे कहां निवेश किया जाए, इसका फैसला आप स्वयं कर सकते हैं। डेट और इक्विटी के कई विकल्प आपको मिलते हैं। वैसे इक्विटी में अधिकतम 50 फीसद तक राशि ही निवेश की जा सकती है, जबकि डेट पक्ष में आप सरकारी बांड या स्थायी आय जमा प्रपत्रों में से चुनाव कर सकते हैं। इसके अलावा आप ऑटो निवेश का विकल्प भी पसंद कर सकते हैं।

इसमें आपकी उम्र के मुताबिक निवेश का पैटर्न बदलता रहता है। आम बजट ने भी एनपीएस को काफी आकर्षक बना दिया है। आयकर की धारा 80सीसीडी (एक बी) के तहत आप 50 हजार रुपये तक एनपीएस में निवेश पर आयकर छूट प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह से अगर 80 सीसीडी (एक) 80 सीसीसडी (एक बी) के तहत आप कुल 2,00,000 रुपये तक आमदनी कर से बचा सकते हैं। अगर नियोक्ता अतिरिक्त एनपीएस में योगदान करता है तो उसे अलग से कर छूट दी जा सकती है।

मृदुला राघवन
कंटेंट स्ट्रैटजिस्ट, क्लियरटैक्स

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