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करदाताओं को सरकार ने दी बड़ी राहत, ITR व TDS मामलों में नहीं होगी बड़ी कार्रवाई

हालांकि बार-बार यह गलती करने वालों को इससे राहत नहीं मिलेगी क्योंकि ऐसे लोगों पर कर अधिकारियों का शिकंजा जारी रहेगा। income tax return ITR filing

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 12:16 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 12:16 PM (IST)
करदाताओं को सरकार ने दी बड़ी राहत, ITR व TDS मामलों में नहीं होगी बड़ी कार्रवाई
करदाताओं को सरकार ने दी बड़ी राहत, ITR व TDS मामलों में नहीं होगी बड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली, पीटीआइ। कई बार आप चाहते हुए भी किसी कारण से आयकर रिटर्न नहीं भर पाते हैं या टीडीएस जमा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कड़ी कार्रवाई का डर रहता है लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने करदाताओं को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। बोर्ड के इस फैसले के अनुसार, जानबूझकर कर से बचने, आयकर नहीं भरने और 25 लाख रुपये तक की टीडीएस कटौती में 60 दिन की देरी होने पर सामान्य परिस्थितियों में अब आपको मुकदमा नहीं झेलना होगा। लंबित मुकदमों की संख्या में कमी लाने के लक्ष्य के साथ बोर्ड ने यह फैसला किया है।

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हालांकि, बार-बार यह गलती करने वालों को इससे राहत नहीं मिलेगी क्योंकि ऐसे लोगों पर कर अधिकारियों का शिकंजा जारी रहेगा। इसके लिए दो चीफ कमिश्नरों या इनकम टैक्स के डीजी की स्वीकृति चाहिए होगी।

ऐसा समझा जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा था कि सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है कि ईमानदारी से अपना कर चुकाने वालों को परेशान नहीं किया जाए।

सीतारमण ने पिछले महीने ट्वीट किया था, ''मैंने राजस्व सचिव को निर्देश दिया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि ईमानदार करदाताओं को परेशानी ना हो। मामूली या प्रक्रियात्मक संबंधी गलती करने वालों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जाए।''

सीबीडीटी की ओर से नौ सितंबर को जारी सर्कुलर में कहा गया है, ''सामान्य परिस्थितियों में 25 लाख रुपये या उससे कम राशि की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) को तय तारीख से 60 दिन के भीतर जमा नहीं कराने पर मुकदमा दायर नहीं किया जाएगा।''

बोर्ड ने कहा है, ''बार-बार चूक करने वालों, कुछ खास तथ्यों पर आधारित मामलों में दो मुख्य आयुक्तों के कॉलेजियम या आयकर विभाग के महानिदेशक की मंजूरी के साथ मुकदमा दायर हो सकेगा।''

कम्पाउंडंग ऐप्लिकेशन फाइलिंग के लिए भी 12 महीने की राहत

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आईटी रिटर्न दाखिल करते समय आय छिपाने से जुड़े अपराध पर भी अभियोजन मानदंडों में छूट दी है। अगर 25 लाख या उससे कम इनकम की राशि को छिपाया गया है तो कॉलेजियम की मंजूरी मिलने तक ऐसे मामलों को नहीं उठाया जा सकेगा।

सीबीडीटी ने कम्पाउंडिंग ऐप्लिकेशन फाइल करने के लिए 12 महीने की राहत दी है। हालांकि, ऐसा यह एक बार ही संभव है। कम्पाउंडिंग अथॉरिटी के साथ दिसंबर के आखिर से पहले इसे फाइल करना जरूरी है।


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