फायदे का गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ, यानी म्युचुअल फंड के जरिये सोने में निवेश का आसान और सुरक्षित तरीका। गोल्ड ईटीएफ पैसिव तरीके से प्रबंधित किए जाने वाले फंड होते हैं और इनका उद्देश्य हाजिर बाजार में सोने के बराबर रिटर्न देना होता है। साल 2007 में बेंचमार्क म्युचुअल फंड ने भारत में पहला गोल्
गोल्ड ईटीएफ, यानी म्युचुअल फंड के जरिये सोने में निवेश का आसान और सुरक्षित तरीका। गोल्ड ईटीएफ पैसिव तरीके से प्रबंधित किए जाने वाले फंड होते हैं और इनका उद्देश्य हाजिर बाजार में सोने के बराबर रिटर्न देना होता है।
साल 2007 में बेंचमार्क म्युचुअल फंड ने भारत में पहला गोल्ड ईटीएफ लांच किया था और इस समय निवेश के लिए 14 गोल्ड ईटीएफ उपलब्ध हैं। निवेशक को गोल्ड ईटीएफ की कम से कम एक यूनिट खरीदनी होती है। यह यूनिट सामान्यत: एक ग्राम की होती है, लेकिन क्वांटम म्युचुअल फंड आधे ग्राम सोने की यूनिट भी उपलब्ध कराता है। यानी 1500 रुपये तक में आस सोने में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। खरीददारी शेयरों की ही तरह होती है। कोई भी निवेशक अपने ट्रेडिंग खाते के जरिये स्टॉक एक्सचेंज से गोल्ड ईटीएफ खरीद सकता है।
खरीद के बाद गोल्ड ईटीएफ की यूनिट निवेशक के डीमैट खाते में जमा हो जाती है। जब निवेशक को अपने गोल्ड ईटीएफ की बिक्री करनी है तो वह अपने ट्रेडिंग खाते के जरिये ही इनकी बिक्री भी कर सकता है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश के कई फायदे हैं। चूंकि गोल्ड ईटीएफ निवेशक के खाते में यूनिट के तौर पर दर्ज होता है ऐसे में गोल्ड ईटीएफ खरीदने वाले निवेशक को वैसी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता, जो फिजिकल गोल्ड से संबंधित होती हैं। चूंकि गोल्ड ईटीएफ में आधे ग्राम की यूनिट भी उपलब्ध है, ऐसे में कम पूंजी वाला भी गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से सोने में निवेश कर सकता है।
हर महीने या एक निश्चित समय के बाद गोल्ड ईटीएफ की कुछ यूनिटें खरीद यानी एसआइपी के जरिए निवेशक लंबी अवधि में काफी सोना एकत्र कर सकता है। चूंकि इन्हें शेयरों की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है, ऐसे में इन पर एक्जिट लोड नहीं लगता।
समझें गोल्ड ईटीएफ को:
-शेयर की तरह सोना खरीदने का आसान तरीका।
-आधा ग्राम तक सोने में निवेश की सुविधा।
-शेयर की तरह सोना डीमैट खाते में सुरक्षित।
-एसआइपी के जरिये भी सोने में निवेश की सुविधा।
-वायदा बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के झंझट से मुक्ति।
-सोना रखने के जोखिम से बचाव।