Move to Jagran APP

Foreign Portfolio Investment: अगस्त में बढ़े फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक, हुआ 16459 करोड़ रुपये का निवेश

बीते अगस्त के महीने में भारतीय बाजारें में Foreign portfolio investors (FPIs) द्वारा 16459 का निवेश देखने को मिला है। इसमें से सबसे ज्यादा निवेश डेट सेगमेंट में आया है जो कि इस साल में सबसे ज्यादा है।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 02:21 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 06:43 AM (IST)
Foreign Portfolio Investment: अगस्त में बढ़े फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक, हुआ 16459 करोड़ रुपये का निवेश
अगस्त के महीने में Foreign portfolio investors (FPIs) भारतीय बाजारों में 16,459 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार थे

नई दिल्ली, पीटीआइ। अगस्त के महीने में Foreign portfolio investors (FPIs) भारतीय बाजारों में 16,459 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार थे, जिसमें अधिकांश निवेश डेट सेगमेंट में आया था। वहीं डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि, निवेशकों ने शेयर में सिर्फ 2,082.94 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि डेट सेगमेंट में 2 से 3 अगस्त के बीच 14,376.2 करोड़ रुपये की आमद देखी गई। डेट सेगमेंट में निवेश की मात्रा इस साल में अब तक सबसे ज्यादा है।

prime article banner

FPIs द्वारा कर्ज खरीदने का मुख्य कारण अमेरिका और भारत में बॉन्ड यील्ड के बीच बढ़ता फैलाव है। अमेरिका में यह 10 वर्ष में 1.30 फीसद से नीचे है और भारतीय में यह 10 वर्ष में 6.2 फीसद से ऊपर है। इसके अलावा भारतीय रुपये में स्थिरता हेजिंग की लागत में कमी आई है। एक्सचेंज रेट के संबंध में भी उम्मीदें अनुकूल हैं।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा है कि, "डेट में हाई वैल्युएशन पर इक्विटी जोखिमों से डेट को फायदा मिला है। बाजार में जारी तेजी और इसे खोने के डर ने अगस्त में एफपीआई को इक्विटी में वापस ला दिया है।"

"फेड के इस संदेश के बाद कि अर्थव्यवस्था के पास अभी कवर करने का काफी मौका है, और रेट हाइक अभी काफी दूर है, के बाद से वैश्विक परिदृश्य भी अनुकूल हो गया है। एफपीआई में यह निवेश जुलाई में 7,273 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता बने रहने के बाद आया है।"

इसके अलावा, सितंबर के पहले तीन कारोबारी सत्रों में, एफपीआई के जरिए भारतीय बाजारों (इक्विटी और डेट दोनों) में 7,768.32 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

कोटक सिक्योरिटीज में इक्विटी टेक्निकल रिसर्च के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्रीकांत चौहान ने कहा कि "घरेलू टीकाकरण की बढ़ती गति, जुलाई के लिए एक अच्छा जीएसटी प्रिंट और अगस्त के व्यापार में तेज वृद्धि ने बाजार में योगदान दिया है, भले ही अगस्त के लिए PMI कमजोर रहा हो। उच्च विकास के अवसरों को देखते हुए वैश्विक निवेशकों द्वारा भारत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।"


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.