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वित्तीय योजना बनाते वक्त गलतियों से बचें

अब लोगों को फाइनेंशियल प्लानिंग का महत्व समझ में आने लगा है। इसी के साथ करियर के शुरुआती दौर में पैसे बचाने और आगे की खुशहाली के लिए बड़ा कोष तैयार करने की जरूरत भी महसूस होने लगी है। महंगाई के अनुसार वित्तीय साधन भी जटिल होते जा रहे हैं।

By Edited By: Published: Mon, 02 Nov 2015 08:31 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2015 09:51 AM (IST)
वित्तीय योजना बनाते वक्त गलतियों से बचें

अब लोगों को फाइनेंशियल प्लानिंग का महत्व समझ में आने लगा है। इसी के साथ करियर के शुरुआती दौर में पैसे बचाने और आगे की खुशहाली के लिए बड़ा कोष तैयार करने की जरूरत भी महसूस होने लगी है। महंगाई के अनुसार वित्तीय साधन भी जटिल होते जा रहे हैं। इन हालात में भविष्य सुरक्षित करने को समुचित वित्तीय योजना का महत्व और बढ़ेगा।

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भविष्य के लिए वित्तीय योजना बनाना जिंदगी का महत्वपूर्ण काम हो गया है। कंपनी का सीईओ हो, सीओओ हो या कि कोई आम गृहणी, अपनी व अपने प्रियजनों की बेहतर जिंदगी के आगे की योजना बनाना सभी के लिए जरूरी हो गया है।

एक दशक पहले तक जीवन काफी सरल था। लोगों की जरूरतें सीमित थीं। जिंदगी के लिए बहुत ज्यादा चीजों की आवश्यकता नहीं होती थी। परिवार चलाने के लिए बस एक अदद नौकरी ही काफी हुआ करती थी। एक वेतन से, भले ही वह कम हो, परिवार के तमाम खर्चे पूरे हो जाते थे। साथ ही हल्की-फुल्की बचत भी हो जाया करती थी।

बचत का निवेश करने के लिए वित्तीय उत्पाद भी गिने-चुने होते थे। मगर देखते-देखते पूरी दुनिया बदल गई। अब हम ऐसे दौर में पहुंच चुके हैं, जब जरूरतों के साथ खर्च बढ़ गए हैं। इनमें साल-दर-साल बढ़ोतरी हो रही है। यही वजह है कि अब लोगों को फाइनेंशियल प्लानिंग या वित्तीय योजना का महत्व समझ में आने लगा है। इसी के साथ करियर के शुरुआती दौर में पैसे बचाने और आगे की खुशहाली के लिए बड़ा कोष तैयार करने की जरूरत भी महसूस होने लगी है। आर्थिक चक्र दिनोदिन छोटे होते जा रहे हैं। महंगाई के अनुसार वित्तीय साधन भी जटिल होते जा रहे हैं। इन हालात में भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए समुचित वित्तीय योजना का महत्व आने वाले दिनों में और बढ़ेगा।

वैसे तो समुचित वित्तीय प्लानिंग अपने आपमें पूरा विषय है। लेकिन मेरा अपना अनुभव कहता है कि भविष्य की वित्तीय सुरक्षा व संरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए व्यक्ति को कुछ बुनियादी गलतियों से बचना चाहिए। इनका ब्योरा इस प्रकार है :

लक्ष्य निर्धारित न करना
वित्तीय योजना बनाने से पहले लक्ष्य तय करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि लक्ष्य स्पष्ट रूप से परिभाषित हैं तो उन्हें प्राप्त करने में आसानी होती है, क्योंकि प्रत्येक लक्ष्य के लिए एक निश्चित राशि, अवधि व जोखिम निर्धारित होता है। इसी तरह पोर्टफोलियो का विविधीकरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। स्पष्ट है कि बिना स्पष्ट लक्ष्य के वित्तीय योजना बनाना कठिन है।

बचत से पहले खर्च
अच्छी वित्तीय योजना के लिए आपको खर्च करने से पहले बचाने की आदत विकसित करनी होगी। इसका उलटा करने से कोई फायदा नहीं होने वाला। बचत करने के बाद आपको अपने खर्चों का पूरा हिसाब-किताब करना चाहिए।

पेशेवर सलाहकार की अनुपस्थिति
अपना पोर्टफोलियो तैयार करने के लिए किसी सर्टीफाइड वित्तीय योजनाकार की सेवाएं लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह काम सबके बस का नहीं है। इसके साथ जोखिम के साथ जटिलताएं जुड़ी हैं। इसलिए इसे खुद करने का प्रयास करने के बजाय किसी पेशेवर की मदद लेने में ही समझदारी है। इससे आपके आने वाले बेहतर कल की संभावनाएं बढ़ेंगी।

आपात स्थितियों की योजना न बनाना
हम जीवन के विभिन्न पड़ावों के लिए वित्तीय लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। लेकिन ऐसा करते समय एक आपातकालीन कोष (इमरजेंसी फंड) का महत्व नही भूलना चाहिए, क्योंकि जिंदगी में कभी कुछ भी हो सकता है। लेकिन इस कोष का इस्तेमाल आड़े वक्त में ही करना चाहिए। उसे मनोरंजन, छुट्टी या फालतू की खरीदारी में खर्च करने की गलती हरगिज न करें।

जोखिमों को नजरअंदाज करना
अगर जोखिमों का अंदाजा नहीं लगाया या उनकी अनदेखी की तो फिर आपके लिए लक्ष्य पाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए वित्तीय प्लानिंग करते वक्त असमय मृत्यु, बीमारी, विकलांगता जैसी संभावनाओं को भी ध्यान में रखना जरूरी है। इन चीजों पर किसी का बस नहीं और ये कभी भी हो सकती हैं। इनसे आपकी पूरी योजना गड़बड़ा सकती है। लिहाजा सशक्त वित्तीय योजना के लिए इन सब बातों के आर्थिक पक्ष को भी पूरी तरह ध्यान में रखा जाना चाहिए।

महंगाई का हिसाब न लगाना
वित्तीय योजना बनाते समय आपको साल-दर-साल अपनी आमदनी में वृद्धि का हिसाब करना है। साथ ही, इस बात को कतई नहीं भूलना है कि महंगाई के कारण खर्चों में भी उसी अनुपात में बढ़ोतरी होगी। महंगाई की यह लागत आपकी बचतों पर उम्मीद से ज्यादा चोट पहुंचा सकती है। इसलिए योजना बनाते वक्त महंगाई का हिसाब-किताब कर लेने में ही भलाई है।

पर्याप्त जीवन बीमा न लेना
ऐसा जीवन बीमा कवर ले लेना जो आकर्षक तो हो मगर जेब पर भारी पड़ने के साथ आपके सभी वित्तीय लक्ष्यों के मुताबिक जोखिमों को कवर न करता हो, समझदारी नहीं है। ज्यादातर लोग ऐसा ही बीमा कवर लेने की गलती कर बैठते हैं। इसलिए सावधान रहिए और सही बीमा पॉलिसी का चयन कीजिए। यही सुरक्षा कवच है, जो आपके प्रियजनों की संकट के समय में रक्षा करेगा। सामान्यत: वार्षिक आय का 10-12 गुना बीमा कवर लेना उचित माना जाता है।

प्रगति की समीक्षा न करना
यदि कोई व्यक्ति ऊपर बताई गई सभी बातों का पालन करता हैं तो उसने अपनी वित्तीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा कदम उठा लिया है। मगर इसके बावजूद यह सब कुछ काम नहीं आएगा यदि आपने अपने पोर्टफोलियो की समय-समय पर समीक्षा नहीं की। इसलिए हर साल के कुछ दिन इस काम के लिए रखिए और देखिए कि आपका प्लान सही ढंग से काम कर रहा है या नहीं। इससे आपको इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि आप सही रास्ते पर चल रहे हैं या नहीं। यदि कहीं कुछ गड़बड़ी दिखाई दे तो उसे ठीक कर लें।
पराग राजा
ईवीपी एवं हेड ऑफ एजेंसी
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस

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