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आयकर नियमों में वे पांच मुख्य बदलाव जो 1 सितंबर से हो जाएंगे लागू

अब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदेंगे तो अन्य सुविधाओं जैसे- कार पार्किंग विद्युत-पानी की सुविधा और क्लब मेंबरशिप जैसी अन्य सुविधाओं पर खर्च भी टीडीएस के दायरे में आएगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 02:29 PM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 07:23 PM (IST)
आयकर नियमों में वे पांच मुख्य बदलाव जो 1 सितंबर से हो जाएंगे लागू
आयकर नियमों में वे पांच मुख्य बदलाव जो 1 सितंबर से हो जाएंगे लागू

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बजट में आयकर से संबंधित जो बदलाव होते हैं, वो सामान्यतया 1 अप्रैल से लागू होते हैं, लेकिन इस बार ये बदलाव 1 सितंबर से लागू होंगे। इस बार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पूर्ण बजट आम चुनाव के बाद जुलाई में पेश हुआ था, जिस कारण बजट में आयकर से जुड़े विभिन्न बदलाव 1 सितंबर से लागू हो रहे हैं। इन बदलावों की जानकारी करदाता को अवश्य ही होनी चाहिए। आइए जानते हैं कि आयकर से जुड़े मुख्य बदलाव कौन-कौनसे हैं।

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जीवन बीमा के गैर छूट वाले हिस्से पर टीडीएस

यदि आपको मिलने वाली लाइफ इंश्योरेंस मैच्योरिटी की राशि कर योग्य है, तो शुद्ध आय हिस्से पर 5 फीसद की दर से टीडीएस कटेगा। शुद्ध आय वह राशि है, जो कुल प्राप्त राशि में से कुल इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान को घटाने पर प्राप्त होती है।   

बैंक अकाउंट से नकद विड्रॉल पर टीडीएस

किसी बैंक, सहकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट से एक साल में कुल एक करोड़ से ज्यादा की नकदी निकासी पर एक सितंबर से टीडीएस लेवी लगेगा। सरकार ने यह कदम बड़ी मात्रा में नकदी की निकासी को हतोत्साहित करने और लेस कैश इकोनॉमी को प्रमोट करने के उद्देश्य से उठाया है।

अचल संपत्ति खरीदते समय किये गए अतिरिक्त भुगतानों पर टीडीएस

अब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदेंगे, तो अन्य सुविधाओं जैसे- कार पार्किंग, विद्युत-पानी की सुविधा और क्लब मेंबरशिप जैसी अन्य सुविधाओं पर खर्च भी टीडीएस के दायरे में आएगा।

कॉन्ट्रैक्टर्स और प्रोफेशनल्स को पेमेंट पर

एक सितंबर से अगर कोई व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार कॉन्ट्रैक्टर्स या प्रोफेशनल्स को एक साल में कुल 50 लाख से अधिक का पेमेंट करता है, तो इस पर 5 फीसद की दर से टीडीएस कटेगा।

अगर PAN आधार से लिंक नहीं हो

जुलाई में पेश हुए पूर्ण बजट की घोषणा के अनुसार, यदि तय समय तक पेन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो, तो वह अवैध माना जाएगा। इसका मतलब है कि यदि किसी का पेन वैध नहीं है, तो उस पर ठीक उसी व्यक्ति की तरह व्यवहार होगा जिसके पास पेन कार्ड कार्ड नहीं होता।


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