फाइनेंशियल प्लानिंग में होने वाली चूक से बचें
आधुनिक जीवन में वित्तीय नियोजन या फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में लोगों के पास सबसे कम जानकारी है। यही वजह है कि जीवन की इस सबसे अहम प्लानिंग में आमतौर पर लोग बड़ी गलती कर बैठते हैं। बुनियादी जानकारी का अभाव इन गलतियों की प्रमुख वजह बनता है।
आधुनिक जीवन में वित्तीय नियोजन या फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में लोगों के पास सबसे कम जानकारी है। यही वजह है कि जीवन की इस सबसे अहम प्लानिंग में आमतौर पर लोग बड़ी गलती कर बैठते हैं। बुनियादी जानकारी का अभाव इन गलतियों की प्रमुख वजह बनता है। यदि गलतियों के बारे में अच्छी तरह जान लें तो बेहतर वित्तीय प्लानिंग के जरिये अपने जीवन को सुखद बना सकते हैं।
स्पष्ट लक्ष्य का अभावः
हम सभी के जीवन में कई तरह के लक्ष्य होते हैं, जिनके लिए बचत करना जरूरी होता है। संपत्ति खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, शादी और अपने रिटायरमेंट के बाद की जरूरतें। आमतौर पर यह एक सामान्य समस्या है कि कोई यह तय ही नहीं करता कि वह क्या चाहता है और अपने प्रत्येक लक्ष्य को पाने के लिए कैसे बचत कर रहा है। ऊपर लिखे सभी उद्देश्यों की समय सीमा अलग-अलग होती है। इसीलिए सबके हिसाब से अलग-अलग बचत प्लान की आवश्यकता होती है।
खर्च के बाद बचत की आदतः
कई लोग मानते हैं कि वे बचत कर ही नहीं सकते। उनके खर्च बहुत अधिक हैं। सबसे बड़ी गलती यह होती है कि वे सभी खर्च करने के बाद ही बचत करने की कोशिश करते हैं। आपके खर्च बचत के बाद बची आमदनी के हिसाब से ही तय होने चाहिएं।
प्रोफेशनल मदद न लेनाः
आपकी गाड़ी का टायर पंक्चर हो जाता है या घर में नल टपकने लगता है तो आप क्या करते हैं। मैकेनिक या प्लंबर को बुलाते हैं? लेकिन जब अपने भविष्य के लिए योजना बनाने का वक्त आता है तो आप खुद करते हैं। आज के आर्थिक माहौल में वित्तीय प्लानिंग जटिल कार्य है। इतने अधिक जोखिम इसमें शामिल हैं कि इसे बिना किसी प्रोफेशनल की मदद के आप बेहतर रिटर्न हासिल नहीं कर सकते।
जोखिमों पर विचार न करनाः
जब आप अपने भविष्य के लिए वित्तीय प्लानिंग करते हैं तो क्या आप इस पर विचार करते हैं कि पूरी प्लानिंग किन वजहों से ध्वस्त भी हो सकती है? मृत्यु, बीमारी व अपंगता आपके लक्ष्यों तक आपकी पहुंच को दूर कर सकते हैं। यह सभी जानते हैं कि असमय मृत्यु व स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च हमारी समस्त जमा पूंजी को खत्म कर सकते हैं। इसके बावजूद बहुत थोड़े लोग ही हैं जो वित्तीय प्लानिंग करते वक्त इनके बारे में सोचते हैं।
प्लानिंग की नियमित मॉनीटरिंगः
कोई भी उपरोक्त सभी सावधानियां बरत कर वित्तीय प्लानिंग करता है तो वह अपना भविष्य सुरक्षित कर लेता है। लेकिन इतना कर लेना ही काफी नहीं है। जिन योजनाओं में आपका पैसा लगा है, उनकी नियमित निगरानी करना भी उतना ही जरूरी है। हर साल के कुछ दिन आपको इसके लिए नियत करने चाहिए।
पराग राजा
ईवीपी एंड हेड ऑफ एजेंसी
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस