Move to Jagran APP

EPF vs PPF: इन दोनों PF योजनाओं में जानिए क्या है फर्क, किसमें कितना है मुनाफा

EPF vs PPF पीपीएफ योजना उन लोगों के लिए है जो वेतनभोगी नहीं हैं लेकिन अपना रिटारयमेंट फंड तैयार करना चाहते हैं।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 12:15 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 11:41 AM (IST)
EPF vs PPF: इन दोनों PF योजनाओं में जानिए क्या है फर्क, किसमें कितना है मुनाफा
EPF vs PPF: इन दोनों PF योजनाओं में जानिए क्या है फर्क, किसमें कितना है मुनाफा

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आप निवेश के साथ-साथ टैक्स भी बचाना चाहते हैं, तो प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ (PF) एक बहुत बढ़िया माध्यम है। यह काफी लोकप्रिय भी है। सरकार द्वारा समय-समय पर इसकी ब्याज दरें तय की जाती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा संचालित प्रोविडेंट फंड भी तीन प्रकार का होता है। पहला है कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ (EPF), दूसरा है लोक भविष्य निधि यानी (PPF) और पीएफ का तीसरा प्रकार है जनरल प्रोविडेंट फंड यानी जीपीएफ (GPF)।

loksabha election banner

पीएफ के इन तीनों प्रकारों में ईपीएफ और पीपीएफ काफी ज्यादा लोकप्रिय है। कई बार लोग इन दोनों में काफी कंफ्यूज भी हो जाते हैं। आज हम आपको इन दोंनो के फर्क के बारे में बताएंगे और साथ ही यह भी बताएंगे कि इनके क्या-क्या फायदे हैं।

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

यह योजना वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए है। ऐसी कंपनियां जहां 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हों, तो वे ईपीएफ का फायदा उठा सकते हैं। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद की कर्मचारी की जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड जमा करना है। इस योजना में कर्मचारी की सैलरी का एक तय भाग नियोक्ता के द्वारा कर्माचरी के ईपीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है। इसमें भी दो तरह से योगदान होता है। एक हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से जाता है और उतना ही हिस्सा नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के ईपीएफ अकाउंट में जमा कराना होता है। इस योजना में ब्याज दर 8.65 फीसद है, जो कि काफी बेहतर ब्याज दर है। कर्मचारी को खुद का और नियोक्ता का योगदान ब्याज के साथ रिटायरमेंट के समय दिया जाता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे- बीमारी, शादी, घर निर्माण आदि में कर्मचारी अपने पीएफ अकाउंट में से कुछ राशि की निकासी कर सकते हैं।

लोक भविष्य निधि (PPF)

लोक भविष्य निधि यानी पीपीएफ सरकार की एक लघु बचत योजना है। यह योजना उन लोगों के लिए है, जो वेतनभोगी नहीं हैं, लेकिन अपना रिटारयमेंट फंड तैयार करना चाहते हैं। कोई भी व्यक्ति अपना पीपीएफ अकाउंट डाकघर या चुनिंदा बैंकों में जाकर खुलवा सकता है। इस अकाउंट में सदस्य को हर साल न्यूनतम 500 रुपये जमा करवाने होते हैं। पीपीएफ अकाउंट पर इस समय 7.9 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। इस अकाउंट में सदस्य 50 के गुणक में अपना योगदान एक वित्तीय वर्ष में कितनी भी बार दे सकता है। साथ ही सदस्य अपने अकाउंट में एक साल में 1.5 लाख रुपये से अधिक का योगदान नहीं कर सकता है। एक पीपीएफ खाताधारक अकाउंट खोलने के तीसरे से छठे वित्तीय वर्ष के बीच लोन के लिए आवदेन भी कर सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.