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पिछले प्रदर्शन के आधार पर निवेश से बचें

मौजूदा बाजार परिस्थितियों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का प्रदर्शन कैसा है? म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के फंडामेंटल काफी मजबूत हैं। इसका गठन काफी कुशलता के साथ हुआ है और यह सदैव निवेशक की भलाई के लिए काम करती है। म्यूचुअल फंड प्राइमरी यानी इक्विटी और डेट में किए गए निवेश के जोखिमों से बचाव का जरिया है। इसलिए स्पष्ट है कि जब अ

By Edited By: Published: Sun, 02 Mar 2014 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 03 Mar 2014 07:33 AM (IST)
पिछले प्रदर्शन के आधार पर निवेश से बचें

मौजूदा बाजार परिस्थितियों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का प्रदर्शन कैसा है?

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म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के फंडामेंटल काफी मजबूत हैं। इसका गठन काफी कुशलता के साथ हुआ है और यह सदैव निवेशक की भलाई के लिए काम करती है। म्यूचुअल फंड प्राइमरी यानी इक्विटी और डेट में किए गए निवेश के जोखिमों से बचाव का जरिया है। इसलिए स्पष्ट है कि जब आर्थिक विकास की रफ्तार तेज होगी, शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन करेंगे और उसी के अनुरूप म्यूचुअल फंड उद्योग का प्रदर्शन भी बेहतर होगा। वर्तमान में हमारी सबसे बड़ी चिंता यह है कि लोग फंड का चयन किस तरह कर रहे हैं। अधिकांश लोग रियर व्यू मिरर में देखकर आगे गाड़ी चला रहे हैं। यानी वो निवेश के फैसले फंडों के बीते वषरें के प्रदर्शन के आधार पर कर रहे हैं। इसलिए हमारी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम लोगों को समझाएं कि बीते सालों के प्रदर्शन के आधार पर निवेश के फैसले करने से बचें और भविष्य के प्रदर्शन पर फोकस करें।

अगले तीन से पांच साल में बाजार की स्थिति को आप कैसा देखते हैं?

लोकसभा चुनाव के नतीजे बाजार का रुख तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। हम ऐसी सरकार की उम्मीद कर रहे हैं जिसका फोकस विकास, महंगाई की नीची दरों और बेहतर शासन पर हो। दुर्भाग्य से अगर ऐसी सरकार का गठन नहीं होता तो यह बाजार की उम्मीदों को तोड़ देगा। ऐसी स्थिति में बाजार में अच्छा प्रदर्शन करने वालों की संख्या सिमटेगी और बाजार में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक रहेगा। हम ऐसी स्थितियों में बहुत लंबे समय तक नहीं रह सकते जब औद्योगिक विकास की दर की धीमी रफ्तार का समय और आगे बढ़ जाए।

आपका फंड दूसरे म्यूचुअल फंडों से अलग कैसे है?

हमने दुनिया के बेहतर म्यूचुअल फंडों के तौर तरीकों को अपनाया है। मसलन पोर्टफोलियो निर्माण, शेयरों का चयन, जोखिम कम करना, पोर्टफोलियो की समीक्षा और निगरानी जैसे कामों के लिए हम दुनिया के श्रेष्ठ फंडों के तौर तरीकों का पालन करते हैं। शीर्ष प्रबंधन की कोर टीम के लोगों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाना भी कंपनी को प्रतिस्पर्धियों से अलग करता है।

आइसीआइसीआइ प्रू एएमसी का निवेश फलसफा क्या है?

साल 2008 के अनुभव ने हमें यही सिखाया है कि एक साथ दो रणनीति पर काम किया जाना चाहिए। इसके अलावा हम विफल रहने के बावजूद रणनीति नहीं बदलते। इसका मतलब यह हुआ कि हम लगातार अपनी खरीद और बिक्री के फैसलों की समीक्षा करते रहते हैं। इससे फैसला लेने का हमारा भरोसा बढ़ता है। साथ ही हम निवेश में कंपनियों में कारपोरेट गवर्नेस की गुणवत्ता को काफी अहम स्थान देते हैं।

आपके फंड ने हाल ही में एक लाख करोड़ रुपये के एयूएम को पार करने में सफलता हासिल की है। आप क्या कहेंगे?

फंड हाउस के तौर पर हम एक निश्चित रिटर्न पाने के लक्ष्य के बजाए इस बात पर ध्यान देते हैं कि हमारे फंड मैनेजर लगातार अपने बेंचमार्क को 300-400 बेसिस प्वाइंट से मात देते रहें। इससे हमें अपने प्रदर्शन को ऊंचा रखने में मदद मिलती है। हमें उम्मीद है कि आने वाले सालों में भी हमारी निवेश नीति इसी तरह के रिटर्न को बनाए रखने में कारगर साबित होगी। हमारा लक्ष्य सभी बेंचमार्क सूचकांकों को तीन साल बाद पछाड़ने का है। हमारा मानना है कि फंड की निवेश प्रक्रिया इस लक्ष्य को पाने में सक्षम है।

निमेष शाह [एमडी व सीईओ, आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल एएमसी]

पढ़े: अपने उत्पादों में निवेश से फंडों की बढ़ेगी जिम्मेदारी


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