Move to Jagran APP

दिखने लगी देश में विकास की सूरत

क्या देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखाई देने लगे हैं? -हां, धीरे-धीरे ही सही, लेकिन इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अर्थव्यवस्था की जड़ें फैलने लगी हैं। आंकड़े बताते हैं कि हम आर्थिक सुधार के शुरुआती दिनों में हैं। चालू खाते में घाटे की स्थिति काफी अच्छी

By Edited By: Published: Mon, 08 Jun 2015 02:09 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2015 03:01 AM (IST)
दिखने लगी देश में विकास की सूरत

क्या देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखाई देने लगे हैं?
-हां, धीरे-धीरे ही सही, लेकिन इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अर्थव्यवस्था की जड़ें फैलने लगी हैं। आंकड़े बताते हैं कि हम आर्थिक सुधार के शुरुआती दिनों में हैं। चालू खाते में घाटे की स्थिति काफी अच्छी है यानी यह नियंत्रण में है। महंगाई की दर भी काफी कम है। ब्याज दरों में कमी का सिलसिला शुरू हो चुका है। अगर कच्चे तेल की कीमतें यूं ही नीचे की रहती हैं तो चालू खाते में घाटे की स्थिति ऐसी ही रहेगी और सरकार का काफी पैसा बचेगा। लेकिन मुझे लगता है कि वर्ष के अंत तक विकास दर को और रफ्तार देने के लिए ब्याज दरों में और कटौती की दरकार होगी। सरकार की तरफ से कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। बीमा बिल के पारित होने के साथ ही बिजली क्षेत्र को गैस उपलब्ध कराना और कोयला ब्लॉकों का आवंटन सकारात्मक कदम हैं। ढांचागत क्षेत्र में समस्याएं हैं, लेकिन सरकार इनका समाधान निकालने के लिए गंभीर दिखती है। इस तरह से आर्थिक विकास की स्थिति सकारात्मक दिखाई देती है।
इस माहौल में निवेश का सबसे ज्यादा फायदा उठाने के लिए क्या करना चाहिए खास तौर पर जब बाजार स्थिर नहीं है?
-हमारा सुझाव है कि अभी रक्षात्मक इक्विटी निवेश की रणनीति होनी चाहिए। यह निवेश बैलेंस एडवांटेज व डायनेमिक असेट्स श्रेणी के फंड में किया जाना चाहिए। बाजार में कई तरह के बैलेंस एडवांटेज फंड हैं। आइसीआइसीआइ का बैलेंस एडवांटेज फंड और डायनेमिक प्लान एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह फंड निवेशकों को हमेशा से बाजार की अस्थिरता से बचाने की कोशिश करता है। शेयरों के भाव जब कम होते हैं, तब यह निवेश करता है और जब बाजार में तेजी का रुख होता है तो यह मुनाफा कमाने की रणनीति अपनाता है। इस तरह से यह रणनीति बाजार में गिरावट के जोखिम को काफी हद तक कम कर देती है।
कई लोग म्यूचुअल फंड में निवेश को सीधे निवेश से बेहतर मानते हैं?
-देखिए, छोटे निवेशक निवेश की बारीकियों को कई बार नहीं समझ पाते हैं। निवेश से जुड़े प्रबंधन, उनकी विविधता, कर कुशलता वगैरह के बारे में फैसला लेना हर किसी के वश की बात नहीं है। यह निवेश की पूरी प्रक्रिया को काफी आसान बना देता है। अगर सीधे निवेश की बात करें तो निवेशक के सामने सबसे पहले सवाल यह आता है कि कहां निवेश करें। कब निवेश करें और कब बेंचे। हर किसी के पास इस तरह की तकनीकी सोच व जानकारी नहीं होती। लेकिन म्यूचुअल फंडों के साथ इन झंझटों में पड़ने की जरूरत ही नहीं होती। फंड मैनेजर निवेशकों की तरफ से इस तरह के सारे फैसले करते हैं। निवेशकों को सिर्फ फंड का चुनाव करना होता और उसमें लगातार पैसे लगाने होते हैं। बाकी सारी चीजों का ख्याल अलग से रखा जाता है। हां, अगर आपको म्यूचुअल फंड में निवेश का पूरा फायदा उठाना है तो इसमें लगातार निवेश कीजिए और लंबे समय तक निवेश कीजिए। इसकी शुरुआत कुछ हजार रुपये से की जा सकती है। आप छोटी राशि से अपना एक पोर्टफोलियो बना सकते हैं, ताकि लंबे समय में धन जोड़ा जा सके।
क्या एसआइपी भी म्चूयुअल फंडों में निवेश का एक अच्छा रास्ता है?
-सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआइपी लंबी अवधि में धन जुटाने का एक बढ़िया तरीका है। इसकी खासियत यह है कि इसे आप बहुत ही कम राशि से भी शुरू कर सकते हैं। एक निश्चित अंतराल पर आपके पास जो भी राशि बचे उसे इसमें लगा सकते हैं। यह निवेशकों में बचत करने की आदत भी डालती है। यह बहुत ही आसान तकनीकी पर काम करती है। अगर आपने तब निवेश किया है जब बाजार में काफी तेजी है तब आपके पैसे से कम शेयर खरीदे जाएंगे, लेकिन जब बाजार में गिरावट होती है तो ज्यादा शेयर आ जाएंगे। इससे लंबी अवधि में बाजार में निवेश की लागत काफी कम हो जाती है।
निमेश शाह
एमडी व सीआइओ,
आइसीआइसीआइ प्रूडेंसियल एएमसी
संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.