थर्ड पार्टी बीमा क्या होता है?
मोटर वाहन कानून के तहत थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान किया गया है। इसे थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह तीसरे पक्ष के बीमा से संबंधित है। जब मोटर दुर्घटना होता है तो कई बार इसमें
मोटर वाहन कानून के तहत थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान किया गया है। इसे थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह तीसरे पक्ष के बीमा से संबंधित है। जब मोटर दुर्घटना होता है तो कई बार इसमें बीमा कराने वाला व बीमा कंपनी के अलावा एक तीसरा पक्ष भी होता है, जो प्रभािवत होता है। यह प्रावधान इस तीसरे पक्ष यानी थर्ड पार्टी के दायित्वों को पूरा करने को लेकर है।
यह पॉलिसी बीमा कराने वाले को नहीं, बल्कि जो तीसरा पक्ष प्रभावित होता है, उसे कवरेज देती है। दुर्घटना में तीसरे पक्ष की मृत्यु होने या उसके घायल होने की स्थिति में मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। इसे कानूनी तौर पर अनिवार्य बना दिया गया है। इसलिए हर साधारण बीमा कंपनी को इस बारे में प्रावधान करना होता है। भारत में जब वाहन खरीदा जाता है, उसी समय वाहन डीलर बीमा कवेरज की गणना कर कीमत में जोड़ देता है।
इस बीमा कवरेज में थर्ड पार्टी कवरेज का हिसाब भी होता है। थर्ड पार्टी कवरेज कुल बीमा का एक छोटा हिस्सा होता है। थर्ड पार्टी कवरेज का प्रीमियम बीमा नियामक इरडा की तरफ से गठित शुल्क सलाहकार समिति के सुझावों के आधार पर तय किया जाता है। वैसे इस कवरेज में प्रभावित पक्ष के लिए मुआवजे का निर्धारण उसकी आमदनी को देखते हुए किया जाता है।