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क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कवर क्या है?

यह विशेष बीमा कवर है जो सिर्फ गंभीर बीमारियों के लिए ही होता है। इन्हें आम हेल्थ बीमाकर्ताओं पर ध्यान दिए बिना अतिरिक्त/स्टैंडअलोन कवर के रूप में खरीदा जा सकता है। यह अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व और पश्चात, बीमारी में स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराते हैं और इसमें बीमा कंपनी के

By Edited By: Published: Mon, 11 Nov 2013 02:13 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कवर क्या है?

यह विशेष बीमा कवर है जो सिर्फ गंभीर बीमारियों के लिए ही होता है। इन्हें आम हेल्थ बीमाकर्ताओं पर ध्यान दिए बिना अतिरिक्त/स्टैंडअलोन कवर के रूप में खरीदा जा सकता है।

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यह अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व और पश्चात, बीमारी में स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराते हैं और इसमें बीमा कंपनी के आधार पर अंग प्रत्यारोपण के दौरान होने वाले खर्च भी शामिल होते हैं।

यह लाभ आधार पर भी उपलब्ध है। इसका तात्पर्य है कि गंभीर बीमारी की पहचान होने पर एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा ताकि बीमित व्यक्ति इस रकम का उपयोग सिर्फ अस्पताल में भर्ती होने के दौरान ही नहीं, बल्कि अपनी बचत को हाथ लगाए बगैर रोजाना खर्च कर सकें। क्रिटिकल इलनैस कवर खरीदने से पहले किन बातों पर ध्यान दें

कितनी बीमारियां कवर हैं :

ऐसी बीमा कंपनी का चयन करें जो अधिक से अधिक बीमारियां कवर करती हो। बीमा नियामक इरडा के दिशानिर्देशों के मुताबिक कम से कम 12 गंभीर बीमारियां अवश्य कवर की जानी चाहिएं।

बेनिफिट पालिसी :

ऐसी बीमा कंपनी चुनें जो कैशलेस प्रतिपूर्ति या बेनिफिट पालिसी का विकल्प उपलब्ध कराती हो। याद रखें कि क्रिटिकल बीमारियों की पहचान होने के बाद एकमुश्त मुआवजा प्रदान करने के लिए 30 दिन की अवधि होती है।

फ्लोटर पालिसी :

सुनिश्चित करें कि आपने फ्लोटर पालिसी का चयन किया है। यह पालिसी संपूर्ण परिवार के लिए होती है। इसके तहत बीमित व्यक्ति, पत्‍‌नी और दो बच्चों की क्रिटिकल बीमारियों को कवर किया जाता है।

जल्द शुरुआत करें :

युवावस्था में ही शुरुआत करें क्योंकि इसमें प्रीमियम कम रहता है।

पूर्व में मौजूद बीमारियों का भी कवरेज :

कुछ बीमा कंपनियां ही पहले से मौजूद बीमारियां कवर करती हैं। लिहाजा पालिसी लेते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि यह सुविधा आपकी पालिसी में है या नहीं।

पर्याप्त सम इंश्योर्ड :

बड़ी बीमारियों को कवर करने के लिए पर्याप्त सम इंश्योर्ड लें। कम से कम पांच लाख रुपये का बीमा आपकी किसी भी गंभीर बीमारी की कवरेज के लिए पर्याप्त होगा।


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