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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य भी बनाने लगे बीमा कंपनी

योजना में किसानों के लिए रबी फसलों के लिए डेढ़ फीसद, खरीफ फसलों के लिए दो फीसद और अन्य नगदी व बागवानी फसलों के लिए अधिकतम पांच फीसद के प्रीमियम भुगतान का प्रावधान है।

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Tue, 15 Aug 2017 11:17 AM (IST)Updated: Mon, 28 Aug 2017 12:42 PM (IST)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य भी बनाने लगे बीमा कंपनी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य भी बनाने लगे बीमा कंपनी

नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद अब कई राज्यों ने खुद की बीमा कंपनी बनाने का फैसला किया है। इसकी जानकारी केंद्र सरकार के पास भेज दी है। कृषि मंत्रालय को यकीन है कि कई राज्य इस दिशा में कदम आगे बढ़ा सकते हैं। हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों ने बीमा कंपनी बनाने की अपनी इच्छा से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है।

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केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने प्रीमियम में राज्यों की हिस्सेदारी अधिक होने और बीमा कंपनियों को फायदा होने की बात करने वाले राज्य सरकारों को अपनी बीमा कंपनी बनाने का विकल्प दिया था। केंद्र के प्रस्ताव के पहले चरण में हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात ने हामी भर ली। भाजपा शासित इन तीनों राज्यों की ओर से प्रस्ताव भी तैयार किये जाने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो आगामी रबी सीजन में यहां के किसानों के लिए राज्य की सरकारी बीमा कंपनी ही उनकी फसलों का बीमा कर सकती हैं।

दरअसल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के लिए रबी फसलों के लिए डेढ़ फीसद, खरीफ फसलों के लिए दो फीसद और अन्य नगदी व बागवानी फसलों के लिए अधिकतम पांच फीसद के प्रीमियम भुगतान का प्रावधान है। प्रीमियम की बाकी धनराशि का भार केंद्र व राज्य सरकारों को आधा-आधा उठाना पड़ता है। अनुकूल वर्ष में कुल जमा प्रीमियम का 60 से 68 फीसद का भुगतान करना पड़ता है। जबकि विपरीत मौसम वाले वर्ष में यह सवा सौ से डेढ़ सौ फीसद तक भुगतान करना पड़ता है। इसे लेकर कई राज्यों ने अपनी आपत्तियां जताई, जिसके बाद केंद्र को बीमा कंपनी बनाने का प्रस्ताव दिया था।

वर्ष 2015-16 में बीमा कंपनियों ने 3076 करोड़ रुपये के प्रीमियम के मुकाबले 4115 करोड़ रुपये का भुगतान किया। जबकि वर्ष 2016-17 में 22,344 करोड़ रुपये के प्रीमियम के मुकाबले 15,100 करोड़ रुपये के दावे प्रस्तुत किये गये हैं, जो कुल प्रीमियम का 68 फीसद होगा। 1इसी के मद्देनजर राज्यों ने अपनी बीमा कंपनी बनाकर फसलों का बीमा करने की योजना तैयार की है। इसे केंद्र सरकार प्रोत्साहित किया है।

फसल बीमा कराने के लिए गैर ऋणी किसानों को भी सुविधा मिलने लगी है। वे अपने यहां कॉमन सर्विस सेंटर और ऑनलाइन भी अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। किसानों को होने वाले नुकसान के लिए मिलने वाली राहत के साथ बीमा की क्षतिपूर्ति भी राज्य की बीमा कंपनियां कर सकेंगी। 


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