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नए साल में जरूरी तीन बीमा

नया साल बेहतर तरीके से गुजरे इसके लिए जरूरी है कि हम पिछले साल के अनुभव का सही इस्तेमाल करें। पिछला वर्ष जैसा कि हम सभी ने देखा है कि प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। दुनिया के अधिकांश इलाकों में भूकंप, बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2016 12:46 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2016 12:55 PM (IST)
नए साल में जरूरी तीन बीमा

नया साल बेहतर तरीके से गुजरे इसके लिए जरूरी है कि हम पिछले साल के अनुभव का सही इस्तेमाल करें। पिछला वर्ष जैसा कि हम सभी ने देखा है कि प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। दुनिया के अधिकांश इलाकों में भूकंप, बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप हुआ है। इससे भारत के भीतर और इसके आसपास के इलाकों में जान माल की काफी क्षति हुई है। हर प्राकृतिक आपदा अपने पीछे तबाही का एक बड़ा मंजर छोड़ जाती है। इन आपदाओं का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत तौर पर पुरानी स्थिति में लौट पाना बेहद मुश्किल होता है। हाल ही में चेन्नई में बाढ़ की स्थिति का सामना करने वाले लोगों को ऐसी ही स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। डराने वाला तथ्य यह है कि प्राकृतिक आपदाओं के आने

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का सिलसिला अब बढ़ गया है। अभी तक का हमारा अनुभव बताता है कि प्राकृतिक

आपदाओं से जितना नुकसान होता है उनमें से 10 फीसद का ही बीमा हुआ होता है। वैसे भी

भारत में जब हम बीमा करवाने की बात करते हैं तो जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा करवाने को

ही वरीयता देते हैं। जहां तक प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा की बात है तो आपके पास

तीन तरह की बीमा पॉलिसियां होनी चाहिए।

व्यक्तिगत दुर्घटना कवरेज

क्या होगा अगर भूकंप या बाढ़ से आप व्यक्तिगत तौर पर काफी घायल हो जाएं और

रोजगार पर असर पड़ जाए? ऐसी स्थिति में टर्म जीवन बीमा पॉलिसी या स्वास्थ्य बीमा भी काम

नहीं आएगी। यहां पर व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा सबसे उपयोगी साबित होगा। टर्म पॉलिसी में

दुर्घटना में मृत्यु होने या अपाहिज होने पर फायदा तो मिल सकता है लेकिन दूसरी

परिस्थितियों में ये आपके किसी काम की नहीं है। लेकिन व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा से बीमित

व्यक्ति की मृत्यु होने या अपाहिज होने पर आश्रितों को आर्थिक मदद मिल जाती है और

साथ ही आय पर असर पडऩे की स्थिति में भी आपको होने वाली आर्थिक क्षति की भरपाई

संभव है। यह काफी सस्ता भी है। दस लाख रुपये का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा सिर्फ 450

रुपये सालाना प्रीमियम पर उपलब्ध है और अपंगता का कवरेज भी लेना चाहते हैं तो

प्रीमियम की राशि 1000 रुपये के करीब होगी।

आप मासिक आय से 120 गुना ज्यादा राशि तक की राशि का बीमा करा सकते हैं।

आवास बीमा

प्राकृतिक आपदाओं का सबसे ज्यादा कहर घरों पर पड़ता है। बाढ़, बारिश या भूकंप से कई बार

इंसान के पूरे जीवन की कमाई मिनटों में बर्बाद हो जाती है। कई लोग आवास बीमा तो करा लेते

हैं लेकिन घर की पूरी कीमत का नहीं करवाते। घर की पूरी कीमत में घर की साज सज्जा में

किया गया खर्च, फर्नीचर व अन्य साजो समान भी शामिल हैं। अगर यह बीमा नहीं लिया है तो

सबसे पहले इसे लें और अगर पहले से खरीद लिया है लेकिन पर्याप्त राशि का नहीं लिया है तो

बीमा की राशि बढ़वाएं। आवास बीमा से घर को होने वाले किसी भी नुकसान से सुरक्षित रख

सकते हैं। मसलन, आग लगने और चोरी होने से भी अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। लोग समझते हैं

कि यह बीमा महंगा होता है लेकिन यह गलत है। 50 लाख रुपये तक का बीमा आप महज

2600 रुपये सालाना के प्रीमियम पर खरीद सकते हैं। 50 लाख रुपये के घर और इसके

भीतर के 5 लाख रुपये के सामान की सुरक्षा सिर्फ 7,000 रुपये का प्रीमियम दे कर ले सकते

हैं। कई कंपनियां घर के भीतर के सामान का बीमा करने के लिए उनकी सूची या अन्य सबूत

भी नहीं मांगती।

मोटर बीमा

प्राकृतिक आपदाओं से वाहनों को भी कापी नुकसान उठाना पड़ता है। बाढ़ में कई बार

वाहन बह जाते हैं। भूकंप में ये बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। बाढ़ में पानी या कीचड़

कई बार वाहनों के भीतर भर जाता है जिसकी सफाई कराने में काफी खर्चा उठाना पड़ता है।

मोटर बीमा पॉलिसी से वैसे तो आमतौर पर होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाती है लेकिन

इंजन में पानी घुसने या बाढ़ से इंजन को होने वाले नुकसान की भरपाई सामान्य मोटर बीमा

पॉलिसी से नहीं होती है। ऐसे में इंजन सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बीमा कवरेज करवाना जरूरी है।

ससीकुमार अदीदामु

सीटीओ, बजाज अलायंज जनरल

इंश्योरेंस


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