छोटी गाड़ियों का इंश्योरेंस कराना हुआ सस्ता, जानिए कितना घट गया प्रीमियम
इरडा ने 28 मार्च को एक सर्कुलर जारी करते हुए बताया कि इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए नए रेट्स आगामी वित्त वर्ष एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बीमा नियामक भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने 2018-19 के लिए थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम घटा दिये हैं। इरडा ने 28 मार्च को एक सर्कुलर जारी करते हुए बताया कि इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए नए रेट्स आगामी वित्त वर्ष एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे। मसलन, इरडा ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम कर दिये हैं।
दोपहिया वाहन के इश्योरेंस में भी बदलाव किये गये हैं। 75 सीसी से कम इंजन वाले टू-व्हीलर के लिए प्रीमियम 569 रुपये से घटाकर 427 रुपये कर दिया है। वहीं, एंट्री लेवल बाइक्स यानि कि 70 सीसी से 150 सीसी की क्षमता के इंजन वाली गाड़ियों के प्रीमियम में कोई बदवाल नहीं किया गया है। इरडा ने 350 सीसी से ज्यादा इंजन की क्षमता (सुपर बाइक्स) पर प्रीमियम को दोगुना कर दिया है। इसी तरह 150 सीसी से 350 सीसी की श्रेणी वाली बाइक्स के लिए भी प्रीमियम 887 रुपये से बढ़कार 985 रुपये कर दिया है।
क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
मोटर वाहन कानून के तहत थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान काफी पहले ही लागू किया गया है। इसे थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट पता चलता है कि यह तीसरे पक्ष के बीमा से संबंधित है। जब मोटर वाहन से कोई दुर्घटना होती है तो कई बार इसमें बीमा कराने वाला व बीमा कंपनी के अलावा एक तीसरा पक्ष भी शामिल होता है, जो प्रभावित होता है। यह प्रावधान इसी तीसरे पक्ष यानी थर्ड पार्टी के दायित्वों को पूरा करने के लिए बनाया गया है।
मोटर वाहन के लिए क्यों है जरूरी?
आपको बता दें यह पॉलिसी बीमा कराने वाले को नहीं, बल्कि जो तीसरा पक्ष दुर्घटना से प्रभावित होता है, उसे कवरेज देती है। कई बार ऐसा होता है मोटर वाहन चलाते समय किसी दुर्घटना में सामने वाले की मृत्यु होने या उसके घायल होने का पता चलता है और आपके पास उसके इलाज के लिए इतने पैसे नहीं होते। तो सरकार ने इस स्थिति में उस इंसान के लिए इस थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान रखा है, जिसे हर मोटर वाहन के लिए कानूनी तौर पर अनिवार्य कर दिया गया है। इस थर्ड पार्टी बीमा के तहत दुर्घटना में प्रभावित सामने वाले पक्ष को मुआवजा दिया जाएगा। इसलिए हर साधारण बीमा कंपनी को इस बारे में प्रावधान करना होता है।
भारत में जब वाहन खरीदा जाता है, उसी समय वाहन डीलर बीमा कवेरज की गणना करके कीमत में जोड़ देता है। इस बीमा कवरेज में थर्ड पार्टी कवरेज का हिसाब भी होता है। थर्ड पार्टी कवरेज कुल बीमा का एक छोटा सा हिस्सा होता है। थर्ड पार्टी कवरेज का प्रीमियम बीमा नियामक इरडा की तरफ से गठित शुल्क सलाहकार समिति के सुझावों के आधार पर तय किया जाता है। वैसे इस कवरेज में प्रभावित पक्ष के लिए मुआवजे का निर्धारण उसकी आमदनी को देखते हुए ही किया जाता है।