क्यों जरूरी है टर्म इंश्योरेंस
हम अनिश्चित समय में जीते हैं। जीवन में आने वाले तमाम उतार-चढ़ाव को देखते हुए कोई नहीं कह सकता कि कब स्थिति आशा के विपरीत हो जाए। हमारी प्रतिबद्धता उस समय और बढ़ जाती है, जब हमारे परिवार के सदस्य हम पर निर्भर रहते हैं। दुर्घटना या बीमारी के चलते अचानक मृत्य्
हम अनिश्चित समय में जीते हैं। जीवन में आने वाले तमाम उतार-चढ़ाव को देखते हुए कोई नहीं कह सकता कि कब स्थिति आशा के विपरीत हो जाए। हमारी प्रतिबद्धता उस समय और बढ़ जाती है, जब हमारे परिवार के सदस्य हम पर निर्भर रहते हैं। दुर्घटना या बीमारी के चलते अचानक मृत्यु का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन व्यक्ति टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदकर ऐसी घटनाओं का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर सकता है।
एक टर्म लाइफ इंश्योरेंस में हम छोटी सी धनराशि देकर अपने प्रियजनों का भविष्य सुरिक्षत करते हैं। जब हम अपने पीछे एक जीवन बीमा छोड़कर जाते हैं तो यह बच्चों की पढ़ाई, ईएमआइ और शादी के खर्च सहित कई तरह के काम आ सकता है। जीवन बीमा की धनराशि को भी मासिक आय में बदला जा सकता है, ताकि दैनिक खर्चे पूरे किए जा सकें। बीमित व्यक्ति अपनी टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश का इस्तेमाल कर्ज को चुकाने तथा परिवार के सदस्यों को वित्तीय सुरक्षा देने के लिए कर सकता है। हालांकि हम में से अधिकांश लोग जब टर्म बीमा खरीदते हैं तो एक मूलभूत समस्या सामने आती है। हम बीमा को एक निवेश उत्पाद के रूप में देखते हैं न कि परिवार की सुरक्षा के रूप में। दुर्भाग्य से बीमा को देश में निवेश उत्पाद के रूप में बेचा गया है, जबकि इसका यह मकसद कतई नहीं है।
टर्म प्लान बीमा का सर्वोत्तम उदाहरण है, क्योंकि यह बेहद कम धनराशि में बहुत ही ज्यादा बीमा कवर देता है। मान लीजिए आपकी उम्र 35 साल है और आप एक करोड़ रुपये का टर्म बीमा खरीदते हैं तो आपका प्रीमियम सालाना महज 12,800 रुपये ही जाएगा। इसका मतलब है कि आपको रोजाना महज 36 रुपये ही प्रीमियम चुकाना होगा। टर्म प्लान में जो प्रीमियम जाता है वह मनी बैक पॉलिसी और यूलिप पॉलिसी के मुकाबले मामूली है। यह इसलिए संभव है कि टर्म प्लान में कोई निवेश नहीं होता और पूरा पैसा जोखिम को कवर करने पर खर्च होता है।
आप जब भी टर्म बीमा खरीदें तो कुछ बातें जरूर ध्यान रखें। आप जो कवर खरीद रहे हैं क्या वह आपके परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। दूसरी बात यह है कि बीमा अवधि भी धनराशि के बराबर ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कोई टर्म प्लान मत खरीदिए जो आपकी उम्र के 40 या 50वें दशक में खत्म हो जाता है। बीमा खरीदते समय ऐसा प्लान लीजिए जो महंगाई की भरपायी करता हो, क्योंकि आज 50 लाख रुपये की रकम 15 से 20 साल बाद बहुत कम दिखाई देगी।
अगर आपने अभी तक टर्म बीमा प्लान नहीं खरीदा है तो जल्द से जल्द इसे खरीदें। इससे न सिर्फ आपके प्रियजनों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि आपके मन को भी शांति मिलेगी।
विजय कुमार गुप्ता
चार्टर्ड अकाउंटेंट और आइसीएआइ की केंद्रीय परिषद के सदस्य
पढ़ें: बचत है सबसे बेस्ट