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वित्तीय सुरक्षा हो जीवन बीमा का मकसद

-चालू वित्त वर्ष में जीवन बीमा कारोबार के लिए किस तरह का रहने वाला है? नई सरकार के गठन के बाद पूरा माहौल बदला हुआ है। अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के संकेत हैं। इसका फायदा जीवन बीमा क्षेत्र को भी मिलेगा। पिछले माह हमारी प्रीमियम आय में 50 फीसद वृद्धि हुई है। यानी रुख बदल्

By Edited By: Published: Sun, 08 Jun 2014 09:30 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jun 2014 03:24 PM (IST)
वित्तीय सुरक्षा हो जीवन बीमा का मकसद

-चालू वित्त वर्ष में जीवन बीमा कारोबार के लिए किस तरह का रहने वाला है?

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नई सरकार के गठन के बाद पूरा माहौल बदला हुआ है। अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के संकेत हैं। इसका फायदा जीवन बीमा क्षेत्र को भी मिलेगा। पिछले माह हमारी प्रीमियम आय में 50 फीसद वृद्धि हुई है। यानी रुख बदला है। वित्त वर्ष के शुरू में प्रीमियम में ऐसी बढ़ोतरी को काफी अच्छा माना जा सकता है। उम्मीद है कि विकास दर में सुधार के साथ लोगों की आय बढ़ेगी और वे जीवन बीमा में ज्यादा निवेश करेंगे।

-आम आदमी जीवन बीमा खरीदने से क्यों हिचकता है?

जीवन बीमा कारोबार का सबसे नकारात्मक पहलू यही है कि यहां ग्राहक अपनी तरफ से इसे खरीदने के लिए आगे नहीं आता। बीमा कंपनियों को ग्राहकों के पास जाना पड़ता है और उन्हें समझाना पड़ता है कि क्यों एक जीवन बीमा खरीदना उनके वित्तीय भविष्य से जुड़ा है। हमें समझना चाहिए कि जीवन बीमा न सिर्फ लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देता है बल्कि घर के मुखिया के नहीं होने पर जितनी बेहतर वित्तीय सुरक्षा यह मुहैया कराता है, वैसी सुरक्षा और किसी वित्तीय उत्पाद में नहीं है। कर लाभ, बचत की आदत जैसी सुविधाएं तो मिलती ही हैं।

-आपकी कंपनी किस तरह से ग्राहकों का विश्वास जीतने की कोशिश करती है?

हमने ग्राहकों को भरोसा जीतने व उन्हें उत्पाद बेचने की एक नई पद्धति विकसित की है। हमारे प्रतिनिधि ग्राहकों के घर पर जाते हैं और उन्हें तीन मिनट या नौ मिनट की एक वीडियो क्लिपिंग देखने का विकल्प देते हैं। अधिकांश लोग पहले तीन मिनट का विकल्प लेते हैं, और बाद में नौ मिनट की वीडियो विकल्प देखते हैं। इसमें हम जीवन बीमा लेने के फायदों के बारे में विस्तार से बताते हैं। अगर ग्राहक बीमा लेने को इच्छुक होता है, हमारे प्रतिनिधि के टैब पर ही सारी सूचनाएं भर दी जाती हैं। फिर प्रतिनिधि इनका हाथों हाथ सत्यापित कर देता है। जब हमारा प्रतिनिधि वहां होता है, उसी वक्त ग्राहक के पास सत्यापन का कॉल भी पहुंच जाता है। इस तरह से महज तीन मिनट में पॉलिसी कर दी जाती है।

-आने वाले दिनों में कैसे उत्पादन लाने वाली हैं?

बहुत जल्द गरीबों के लिए एक उम्दा बीमा पॉलिसी लाने वाले हैं। इसे हमने तैयार कर लिया है। बीमा नियामक इरडा की मंजूरी का इंतजार है। यह बेसिक बीमा उत्पाद होगा। हमारी कोशिश है कि ग्राहकों को 1,200 रुपये सालाना पर यह उत्पाद मिले। यह ग्रामीण व शहरी गरीबों को खूब पसंद आएगी। सालाना प्रीमियम से 20 गुना कवरेज ग्राहकों को दी जाएगी।

-बीमा खरीदने वालों को क्या सलाह देंगे?

सबसे पहले तो अपनी आय को सुरक्षित करने की कोशिश कीजिए। यानी जब घर का मुखिया नहीं रहे तो उसके आश्रितों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़े। दूसरा तथ्य स्वास्थ्य की बढ़ती हुई लागत को ध्यान में रखना चाहिए। तीसरा तथ्य पेंशन को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि अब ज्यादातर लोगों के पास सरकारी नौकरी नहीं है। और अब सरकार ने भी पेंशन देना बंद कर दिया है। इसके बाद निवेश की सुरक्षा व रिटर्न को ध्यान में रखना चाहिए। बेहतर होगा कि किसी जीवन बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों से अपनी जरूरतों के बारे में बात कर फैसला करें।

कमलाकर साई

निदेशक बिक्री, इंडियाफ‌र्स्ट लाइफ

पढ़ें: महंगा नहीं जीवन बीमा


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