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बीमा को लेकर जागरूकता कम

भारत में बीमा का मतलब अभी भी जीवन बीमा ही लगाया जाता है। अधिकांश लोग जनरल इंश्योरेंस या साधारण बीमा से अनभिज्ञ हैं। लेकिन अब समय बदल रहा है। टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के सीईओ केके मिश्रा ने दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन के साथ बातचीत में बताया कि अगले दस वर्षो में साधारण बीमा की तस्वीर पूरी तरह स

By Edited By: Published: Mon, 23 Dec 2013 08:59 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
बीमा को लेकर जागरूकता कम

भारत में बीमा का मतलब अभी भी जीवन बीमा ही लगाया जाता है। अधिकांश लोग जनरल इंश्योरेंस या साधारण बीमा से अनभिज्ञ हैं। लेकिन अब समय बदल रहा है। टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के सीईओ केके मिश्रा ने दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन के साथ बातचीत में बताया कि अगले दस वर्षो में साधारण बीमा की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी।

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साधारण बीमा कारोबार का प्रदर्शन इस वर्ष कैसा रहा?

साधारण बीमा कारोबार पूरी तरह से देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। पिछले वर्ष तक इसका कारोबार 20-22 फीसद की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था लेकिन इस वर्ष आर्थिक सुस्ती की वजह से यह 12 फीसद के करीब रह गया है। इसके बावजूद कुछ कंपनियों ने पहली छमाही में मुनाफा कमाया है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में साधारण बीमा प्रीमियम बढ़ कर 0.78 फीसद होने के आसार हैं। वैसे दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले यह काफी कम है लेकिन उम्मीद है आने वाले दिनों में यह तेजी से बढ़ेगा।

भारत में आम जनता साधारण बीमा को लेकर अनभिज्ञ क्यों हैं?

देखिए, आदमी पहले रोटी, कपड़ा और मकान की जरूरत पूरी करता है। इनके बाद जीवन बीमा का नंबर आता है। इसके बाद ही वह साधारण बीमा यानी हेल्थ बीमा, मकान बीमा, अग्नि बीमा या मोटर बीमा आदि के बारे में सोचता है। मुझे लगता है कि साधारण बीमा का समय अब आना शुरू हुआ है। जागरूकता बढ़ाने के लिए साधारण बीमा कंपनियां और बीमा नियामक एजेंसी इरडा भी कोशिश कर रही हैं।

एक आम आदमी के लिए साधारण बीमा उत्पादों की कितनी जरूरत है?

साधारण बीमा के तहत कई उत्पाद आते हैं। मसलन, इसमें स्वास्थ्य बीमा भी है, दुर्घटना बीमा भी है, सामान चोरी होने के लिए बीमा भी है, मोटर बीमा भी है। हर व्यक्ति की जरूरतें अलग हैं। उसके हिसाब से बीमा लेना चाहिए। मेरा सुझाव यह है कि सबसे पहले हर व्यक्ति के पास एक दुर्घटना बीमा पॉलिसी होनी चाहिए। जिस भाग दौड़ की जिदंगी में हम जी रहे हैं उसमें यह बेहद जरूरी है। यह परिवार-आश्रितों को आर्थिक मदद पहुंचाती है बल्कि बीमित व्यक्ति को भी सुरक्षा देती है। इस पर प्रीमियम भी बहुत कम आता है। इसके अलावा दूसरी सबसे बड़ी जरूरत स्वास्थ्य बीमा है। इलाज करवाने का खर्चा जिस हिसाब से बढ़ रहा है उसे कोई भी आम आदमी नहीं उठा सकता। हर व्यक्ति को अपने व अपने परिवार के लिए एक संतोषजनक हेल्थ बीमा उत्पाद लेना चाहिए। अगर आपका मकान है तो उसका और उसमें रखे महंगे सामानों का बीमा भी काफी जरूरी हो गया है। मोटर बीमा लेना तो अब कानूनी तौर पर अनिवार्य हो गया है।

साधारण बीमा करवाने के लिए कंपनी का चयन कैसे करना चाहिए?

मोटे तौर पर दो-तीन चीजें देखनी चाहिए। आप जिस क्षेत्र में रहते है वहां उस कंपनी का प्रतिनिधि कार्यालय हो ताकि आपको ज्यादा भाग-दौड़ न करनी पड़े। इन कंपनियों के ऑफिस जा कर उनके उत्पादों के बारे में जानकारी ले कर, सेवा की गुणवत्ता आदि के बारे में पता करना चाहिए। इरडा की वेबसाइट पर कंपनियों के बारे में सभी जानकारी होती है मसलन, उनके खिलाफ शिकायतें कितनी हैं, क्लेम की भरपाइ करने में कंपनी का प्रदर्शन कैसा है आदि। यह कंपनी के रिकॉर्ड को प्रदर्शित करता है।

टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस की आगे की रणनीति क्या होगी?

हम ग्राहकों की सेवा को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। आगे हम ग्रामीण क्षेत्रों में अपने विस्तार पर खास तौर पर ध्यान देंगे क्योंकि भारतीय ग्रामीण क्षेत्र में साधारण बीमा उत्पादों के लिए काफी बड़ा उत्पाद है। इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में हम ज्यादा फोकस करेंगे। छह-सात नए उत्पादों के लिए हमने आवेदन किया है जो हमारे हेल्थ बीमा पोर्टफोलियो को काफी मजबूत बनाएगा।

केके मिश्रा, [सीईओ, टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस]


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