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कोरोना जैसी महामारी के बाद कितनी जरूरी है बीमा पॉलिसी, PNB MetLife और SEBI से जुड़े विशेषज्ञों से जानें

कोरोना के आने के बाद से लोग अपने परिवार और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर पहले से अधिक सजग हो गए हैं। महामारी में किसी की नौकरी गई तो किसी के वेतन में कटौती हुई तो कुछ लोगों को लॉकडाउन के कारण अपने व्यापार में भारी नुकसान झेलना पड़ा।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 02:26 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 02:26 PM (IST)
कोरोना जैसी महामारी के बाद कितनी जरूरी है बीमा पॉलिसी, PNB MetLife और SEBI से जुड़े विशेषज्ञों से जानें
कोरोना संकट के बाद इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ी है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। कोरोना वायरस महामारी के आने के बाद से लोग अपने परिवार और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर पहले से अधिक सजग हो गए हैं। इस महामारी में किसी की नौकरी गई, तो किसी के वेतन में कटौती हुई, तो कुछ लोगों को लॉकडाउन के कारण अपने व्यापार में भारी नुकसान झेलना पड़ा। दुनिया अब भी इस महामारी से पूरी तरह उबर नहीं पाई है। ऐसे में लोग जीवन बीमा और हेल्थ बीमा को अधिक अमहियत देने लगे हैं। बीमा ना केवल जीवन के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति में मदद करता है, बल्कि वर्तमान को भी आसान बना देता है।

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हालांकि लोग इस मामले में अधिक जागरूक नहीं हैं। इसी वजह से इस विषय पर Dainik Jagran और Punjab Jagran के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 22 जनवरी को एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मौजूद अलग-अलग विशेषज्ञों ने बीमा से जुड़े हर सवाल का जवाब दिया है और सरल भाषा में बताया है कि कैसे हम बीमा के जरिए अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

इन विशेषज्ञों में PNB MetLife के चीफ डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर समीर बंसल, पंजाब नेशनल बैंक की अमृतसर शाखा के उप अंचल प्रबंधक प्रेम कुमार अरोड़ा, PNB MetLife की पंजाब शाखा के इंश्योरेंस मैनेजर विनय कोहली और SEBI में प्रमाणित रिजस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर और सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर मणिकरण सिंघल शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन जागरण न्यू मीडिया की पल्लवी मिश्रा ने किया।  

समीर बंसल ने कहा कि "बीते आठ से नौ महीनों में लोग बीमा को लेकर अधिक सजग हुए हैं। MetLife के सर्वे में भी पता चला है कि जिन लोगों के पास बीते 9 महीने में बीमा नहीं था, उनमें से 50 फीसदी ने बीमा लेने की बात कही है। लोगों की लॉन्ग टर्म गारंटी प्रोडक्ट में भी रुची बढ़ी है, जिससे उन्हें आने वाले 15-20 साल में अच्छा रिटर्न मिलेगा। उसमें PNB MetLife के पास काफी अच्छे प्रोडक्ट हैं, जिनकी बीते 8-9 महीनों में काफी अच्छी सेल हो पाई है।"

उन्होंने कहा कि "हमारी PNB MetLife की जितनी भी पॉलिसी हैं, उनमें कोविड कवरेज भी शामिल है। इसी तरह बाकि सारी कंपनी की पॉलिसी में भी कोविड कवरेज शामिल है। IRDA ने भी काफी सक्रियता दिखाई है, उन्होंने हेल्थ इंश्योरेन्स कंपनियों को एक सुरक्षा कोरोना का कवच जैसी पॉलिसी शुरू करने पर ज़ोर दिया, और वो पॉलिसी अब उपलब्ध हैं। जीवन बीमा में भी सरल बीमा का कॉन्सेप्ट शुरू किया गया है, बहुत जल्द ही सभी कंपनियां एक सरल बीमा योजना का कॉन्सेप्ट शुरू करेंगी, जिसे कोई भी ले सकता है।"

प्रेम कुमार अरोड़ा ने विभिन्न अकाउंट के साथ बैंक से बीमा लेने के सवाल पर बताया कि "बैंकों से बीमा कराना आसान है क्योंकि उनकी पहुंच अधिक है। वह दुनिया के कोने कोने में हैं। जैसे पंजाब नेशनल बैंक हर जगह है, हमारा ग्राहकों के पास जाना और उनका हमारे पास आसान है। आज के समय में बैंक के इंश्योरेंस काफी मशहूर हैं, क्योंकि ये इंश्योरेंस कंपनी, बैंकिंग कंपनी और ग्राहकों तीनों के लिए ही आसान हैं। बैंक में फाइनेंशियल प्लानिंग में ग्राहकों की सभी जरूरतों को पूरा किया जाता है। फाइनेंशियल प्लांनिंग के लिए बीमा जरूरी है, ग्राहक को इसकी जरूरत अपनी रिटायरमेंट के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए या फिर अपनी बचत के लिए होती है। बैंक के पास भी ग्राहकों की जानकारी होती है कि उनकी कितनी कमाई है और कितनी नहीं। जिसके अनुसार हम ग्राहक के परिवार की जरूरत और कमाई के हिसाब से एक अच्छा बीमा उपलब्ध कराते हैं।" 

लोगों को बीमा को लेकर होने वाली असमंजसता के सवाल पर प्रेम कुमार अरोड़ा ने कहा, "ये एक विश्वास पर आधारित होता है, जो हमने अपनी पारदर्शिता और ईमानदारी से दी गई फाइनेंशियल सेवा से जीता है। ऐसे में ग्राहकों को सबसे ऊपर रखा जाता है। हम लंबे समय तक ग्राहकों के साथ रिश्ता बनाए रखने पर विश्वास रखते हैं और इस बात का ध्यान रखते हैं कि ग्राहक संतुष्ट और खुश रहे। इसलिए हम कुछ भी शॉर्ट टर्म के लिए नहीं करते हैं। हम ये भी बताते हैं कि कहां उन्हें फायदा होगा और कहां कुछ रिस्क आ सकता है, तो ग्राहकों को पूरी जानकारी दी जाती है, ताकि वह अपनी मर्जी के बीमा का चयन कर सकें। ग्राहकों से नॉमिनी के बारे में भी पूछा जाता है, जो कि जरूरी है कि उनके बाद कौन ज्यादा प्रभावित होगा, क्लेम के समय किसी को दिक्कत ना हो तो इसके लिए नॉमिनी की भी पूरी जानकारी ली जाती है।"

किसी को कब बीमा लेना चाहिए और कितना कवर लेना चाहिए, इस सवाल के जवाब में विनय कोहली ने कहा, "भविष्य में परिवार को सुरक्षा देने के लिए बीमा जरूरी है, क्योंकि हमारे देश में सोशल सिक्योरिटी नहीं है। बीमा कितना लेना चाहिए ये ग्राहकों के हिसाब से अलग-अलग है। जीवन के सर्कल के बढ़ने के साथ ही कमाई के हिसाब से कवर को कम या ज्यादा किया जा सकता है। शुरू में परिवार की सुरक्षा और बच्चों की पढ़ाई भी होती है। हमें अपनी कमाई के बढ़ने के साथ ही बीमा कवर को रिन्यू कराते रहना चाहिए।"

फाइनेंशियल प्लानिंग और बीमा से जुड़े सवाल पर मणिकरण सिंघल ने कहा, "बिना जीवन बीमा के फाइनेंशियल प्लानिंग कर पाना मुश्किल है, क्योंकि इसमें बीमा बचत के लिए एक नींव की तरह होता है। लेकिन फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए बीमा सबसे बेहतर होता है, जिसमें एक प्लानिंग से बीमा पॉलिसी खरीदी जाती हैं।"  

यूलिप खरीदने के सवाल पर समीर बंसल ने कहा, "इसे लेने से पहले अपनी जरूरत को देख लेना चाहिए। अगर कोई जीवन बीमा कवर और लॉन्ग टाइम गारंटी ले चुका है, लेकिन फिर भी सरप्लस कैश है, तो मार्किट लिंक इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसमें रिस्क थोड़ा ज्यादा होता है।" कैसे बेहतर जीवन बीमा का चयन करें, इस सवाल पर विनय कोहली ने कहा, "जो लिया जाए उसे सही उम्र में लिया जाए, जिसके लिए फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ली जा सकती है, जिसमें ग्राहक की जरूरतों के हिसाब से प्लान का चयन हो सकता है। सबसे पहले अपनी जरूरतों को देखना चाहिए और फिर बीमा लेना चाहिए।"   

प्रेम कुमार अरोड़ा ने कहा कि "ग्राहकों को भी बीमा में सही जानकारी देनी चाहिए। चाहे फिर वो जीवन बीमा लें या किसी और तरह का बीमा लें, ताकि कल को क्लेम लेते समय कोई दिक्कत ना आए। जब भी बीमा लें तो किसी चीज को छिपाना नहीं चाहिए।" समीर बंसल ने कहा, "PNB MetLife ने कोरोना के बाद कई कदम उठाए हैं। जिनमें सबकुछ डिजिटल रखा गया है,ताकि ग्राहकों को बीमा खरीदते समय कोई दिक्कत ना हो। ग्राहकों का एक सावल ये भी रहता है कि उसे बीमा लेने के लिए मेडिकल सेंटर तक जाना पड़ेगा, क्योंकि एक या दो करोड़ रुपये का कवर लेने के लिए मेडिकल कराना पड़ता है, लेकिन हमने एक प्रोसेस शुरू किया है, जिसमें बिना मेडिकल सेंटर जाए फोन पर कुछ सवालों का जवाब लेकर बीमा लिया जाता है। साथ ही ग्राहक को कहीं बाहर ना जाना पड़े, इसके लिए ऑनलाइन डि़जिटल क्लेम इंटीमेशन शुरू किया गया है, ताकि ग्राहक अपना क्लेम रजिस्टर कर सकें। इस एप के जरिए ग्राहक अपना पता बदलने सहित बिना ऑफिस जाए और बिना फोन किए सुविधा ले सकते हैं। PNB MetLife की इस सेवा के जरिए भी बहुत से बदलाव आए हैं।"

एक इंसान को कितनी बीमा योजना लेनी चाहिए, इस सवाल के जवाब में मणिकरण सिंघल ने कहा, "जितना कम हो उतना अच्छा। आपको अपना उद्देश्य पता होना चाहिए, ताकि क्लेम के समय जब ग्राहक का परिवार क्लेम करेगा तो जितनी पॉलिसी कम होंगी उतना ही अच्छा रहेगा। पहले लोगों के पास 20 या 30 पॉलिसी होती थीं, लेकिन अब कंपनियों को भी काफी जानकारी मिल गई हैं, तो इसलिए दो से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पॉलिसी को आगे बढ़ाने के लिए सही पर पेमेंट करना चाहिए, लेकिन लिक्विडिटी के हिसाब से किसी चीज को ठीक से मैनेज करने के लिए दो से अधिक पॉलिसी नहीं होनी चाहिए।"

ग्राहक अब कोरोना काल के बाद क्या देख रहे हैं, इसपर प्रेम कुमार अरोड़ा ने कहा, "काफी लोगों ने बीमा के प्रति उत्सुकता दिखाई है, हमारे आंकड़ों में भी पॉलिसी की संख्या बढ़ी है, ये सब कोरोना काल के बाद ही आया था। कंपनियों ने भी कई पहल शुरू कर इसे ऑनलाइन किया है। जो भी हम पॉलिसी दे रहे हैं, उसमें प्रति साल 330 रुपये देने पर 2 लाख का जीवन बीमा दे रहे हैं। एक दूसरी बीमा में पीएम सुरक्षा बीमा में अगर किसी की दुर्घटनावश मौत हो जाती है, तो 12 रुपये में 2 लाख का क्लेम दिया जाता है। इस पहल को हम बैंक के स्तर पर भी काफी आगे तक लेकर गए और इसमें गांव के लोगों को भी कैंप के जरिए सेवा का लाभ दिया गया।" 

बच्चों के भविष्य को लेकर पॉलिसी कितनी लाभदायक हैं, इस सवाल पर विनय कोहली ने कहा, "इसके लिए हम कोई भी प्लान ले सकते हैं। पहले और अभी में बदलाव हुआ है। पहले बच्चों को शिक्षा के लिए दिल्ली तक भेजते थे, लेकिन अब विदेश भेज रहे हैं, तो इसके लिए जल्द शुरुआत करनी चाहिए, ताकि बच्चे को 12वीं करने पर एजुकेशन लोन ना लेना पड़े और उसे तब तक पैसा मिल जाए, तो इसे जल्द ही ले लेना चाहिए।"

समीर बंसल ने बताया कि "पंजाब भी डिजिटल तरीके से पॉलिसी खरीदने में काफी आगे है। लोगों के पास जो है, वो भी कम जीवन बीमा है, अगर उन्हें 100 रुपये का कवर लेना चाहिए तो उन्होंने 10 रुपये का ले रखा है। ये कमाई का 15 से 20 फीसदी होना चाहिए। तो इसलिए पहुंच आसान करनी पड़ेगी और लोगों को प्रोत्साहित करना होगा। इसके लिए सरकार को जीएसटी कम करना होगा। साथ ही सरकार अगर एटीसी में एंश्योरेंस के लिए अलग से स्लैब लाती है, तो उससे भी ग्राहक प्रेरित होंगे कि वह कवर भी ले सकते हैं और इसमें निवेश भी कर सकते हैं। साथ ही अगर सरकार इस बजट में 49 फीसदी की एफडीआई लिमिट को 79 फीसदी करे तो ये आने वाले समय में काफी उपयोगी होगा।"

पंजाब में जीवन बीमा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पर समीर बंसल ने कहा, "रोजगार के अवसर बहुत हैं। अभी जीवन बीमा क्षेत्र में एक बड़ी खाई है जिसे भरना बाकी है। जब खाई होती है, मांग होती है तो सप्लाई के लिए लोग चाहिए होते हैं, तो ये आने वाले समय में आगे बढ़ेगा। इसके लिए एक बेसिक कोर्स भी होता है, उसे करके भी युवा इस क्षेत्र में आ सकते हैं। इसके लिए उन्हें हमारी वेबसाइट और शाखा से भी जानकारी मिल जाएगी।"

 

(यह आर्टिकल ब्रांड डेस्‍क द्वारा लिखा गया है।)


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