IRDAI: कैशलेस ट्रीटमेंट में होगी आसानी, नए अस्पतालों को पैनल में शामिल कर सकेंगी बीमा कंपनियां
IRDAI आइआरडीएआइ के इस फैसले से देश में कैशलेस सेवाओं का दायरा बढ़ेगा। इससे पॉलिसीधारकों पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि आइआरडीएआइ ने कुछ नियम भी बनाए हैं जिनका पालन करना सभी बीमा कंपनियों के लिए अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बीमा नियामक आइआरडीएआइ (IRDAI) ने बुधवार को बीमा कंपनियों को राहत देते हुए नए अस्पतालों को अपने नेटवर्क में शामिल करने की इजाजत दे दी है। आइआरडीएआइ ने कहा है कि जो अस्पताल मानकों को पूरा करते हों, बीमा कंपनियां उनका चुनाव कर सकती हैं। इस फैसले के जरिए आइआरडीएआइ ने देश में कैशलेस सुविधाओं के विस्तार के लिए मानदंडों में ढील दी है।
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इन मानकों को प्रभावी बनाने के लिए स्वास्थ्य बीमा के मानकों के दिशा निर्देश' को संशोधित कर दिया है। बीमा कंपनियों और तीसरे पक्ष के प्रशासकों (टीपीए) को जारी किए गए एक सर्कुलर में आइआरडीएआइ ने कहा, "देश भर में कैशलेस सुविधा के दायरे को बढ़ाने के लिए बीमा कंपनियों को अब उन नेटवर्क प्रदाताओं को सूचीबद्ध करने का अधिकार है जो उनके संबंधित बोर्डों द्वारा बनाए गए मानकों और बेंचमार्क स्टैंडर्ड्स को पूरा करते हैं।"
इससे पहले बीमा सूचना ब्यूरो (IIB) द्वारा बनाए गए अस्पताल रजिस्ट्री में पंजीकृत अस्पताल ही बीमा कंपनियों द्वारा सूचीबद्ध किए जा सकते थे। कैशलेस सेवाओं की पेशकश करने वाले अस्पतालों को नेशनल एसिलेरेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (NABH) द्वारा निर्धारित मानकों को भी पूरा करना होता था। सिक्योर नाउ के सह-संस्थापक कपिल मेहता ने कहा, "नियामक बीमा व्यवसाय में लगातार सुधार कर रहा है। यह सर्कुलर बीमा कंपनियों को स्वतंत्र निर्णय लेने की अनुमति देता है कि किस अस्पताल को पैनल में रखा जाए और किसे नहीं।"
बढ़ेगा कैशलेस क्लेम का दायरा
IRDAI ने अपने सर्कुलर में यह भी कहा है कि बीमा कंपनियों को किसी अस्पताल को पैनल में शामिल करने से पहले मैन पावर और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं पर विचार करना चाहिए। सर्कुलर में कहा गया है कि बोर्ड द्वारा अनुमोदित पैनल के मानदंड को समय-समय पर बीमा कंपनियों की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाना चाहिए। बीमा कंपनियों से कहा गया है कि वे कैशलेस सुविधाओं के लिए अस्पतालों को अपने पैनल में शामिल करने में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने पर धयान देंगे।
IRDAI के फैसले पर यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ शरद माथुर ने कहा कि नियामक की पहल से बीमाकर्ताओं के लिए कैशलेस सेवाओं का दायरा बढ़ेगा जो पॉलिसीधारकों पर वित्तीय बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।।