NHPM में इंश्योरेंस कंपनियां सरकार को रिफंड करेंगी अतिरिक्त प्रीमियम
एबी-एनएचपीएम को दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी सहायता प्राप्त स्वास्थ बीमा प्रोग्राम माना जाता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बीमा कंपनियों को अब अनिवार्य रूप से उस स्थिति में अतिरिक्त प्रीमियम रिफंड करना होगा अगर क्लेम रेश्यो 85 फीसद से कम रहती है। यह केंद्र सरकार के महत्वकांक्षी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत है। यह जानकारी स्वास्थ मंत्रालय के प्रस्ताव के तहत है।
इस प्रोग्राम का उदेश्य देश के सबसे गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये से 10 करोड़ रुपये उपलब्ध कराना है। इस प्रस्ताव के संबंध में स्वास्थ मंत्रालय ने सामान्य और स्टैंड अलोन स्वास्थ बीमा कंपनी और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधित्वों के साथ चर्चा की।
इंदु भूषण, जिन्होंने एक मई से आयुष्मान भारत नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन (एबी-एनएचपीएम) का चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर का पद संभाला है, ने इस बैठक के नेतृत्व के दौरान इस संबंध में बीमा कंपनियों से फिडबैक की मांग की है।
भूषण ने कहा, “हमने प्रस्ताव रखा है कि बीमा कंपनियां अनिवार्य रूप से अतिरिक्त प्रीमियम को लौटा देंगे अगर इस प्रोजेक्ट के तहत क्लेम रेश्यो 85 फीसद से कम रहती है तो। इससे यह सुनिश्चित होगा कि बीमा एजेंसियों को इस महत्वकाक्षी योजना से कोई अप्रत्याशित लाभ न हो। इसका उदेश्य कुल जनसंख्या का 40 फीसद सबसे गरीब परिवारों को स्वास्थ सेवा देना है।”
उदाहरण के तौर पर अगर सरकार की ओर से 100 रुपये के प्रीमियम का भुगतान किया जाता है और प्रति परिवार औसत दावा 50 रुपये का है तो बीमा कंपनी सरकार को 35 रुपये रिफंड करेगी। एबी-एनएचपीएम को दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी सहायता प्राप्त स्वास्थ बीमा प्रोग्राम माना जाता है।