क्या पर्याप्त है परिवार के एक व्यक्ति का बीमा
परंपरागत तौर पर माना जाता है कि परिवार को वित्तीय सुरक्षा देने के लिए बीमा जरूरी है। बीमा होने पर दुर्घटना की स्थिति में आपके प्रियजनों को धनराशि मिल जाती है। यह विचार कोई नया नहीं है। इसलिए परंपरागत तौर पर यह मान लिया जाता है कि घर में जो पुरुष रोजी-रोटी कमा रहा है, उसका बीमा ले लेना पर्याप्त है।
परंपरागत तौर पर माना जाता है कि परिवार को वित्तीय सुरक्षा देने के लिए बीमा जरूरी है। बीमा होने पर दुर्घटना की स्थिति में आपके प्रियजनों को धनराशि मिल जाती है। यह विचार कोई नया नहीं है। इसलिए परंपरागत तौर पर यह मान लिया जाता है कि घर में जो पुरुष रोजी-रोटी कमा रहा है, उसका बीमा ले लेना पर्याप्त है।
पिछले कुछ वर्षो में जीवन शैली में व्यापक बदलाव आया है। परिवार में जिम्मेदारियां भी बंटी हैं। पहले यह बदलाव शहरों में आया। अब यह छोटे कस्बों में भी फैल रहा है। बीमा उद्योग का भी धीरे-धीरे विकास हुआ है। नए उत्पाद व उपाय उपलब्ध हैं। इसलिए अब वक्त आ गया है कि हमें परिवार के बाकी सदस्यों के लिए बीमा लेने के संबंध में सोचना चाहिए। अगर पति-पत्नी दोनों ही कामकाजी हैं तो दोनों को बीमा कराने की जरूरत है। आम तौर पर व्यक्ति की सालाना आमदनी का आठ से 10 गुना जीवन बीमा धनराशि होनी चाहिए।
अक्सर देखा गया है कि पति-पत्नी में से कोई एक घर संभालता है तो उसे नजरंदाज कर दिया जाता है। हमारे देश में गृहस्थी के आर्थिक योगदान की अनदेखी कर दी जाती है, जबकि वे खाना बनाने, शिक्षा, छोटे बच्चों की देखभाल जैसे कई काम संभालती हैं।
अगर किसी एक अभिभावक के द्वारा किसी बच्चे के पालन-पोषण की लागत का आकलन किया जाए तो वह काफी ज्यादा निकलेगी। व्यक्ति को अकेले अभिभावक के रूप में देखभाल, घरेलू नौकरों पर खर्च जैसे व्यय को जोड़कर आर्थिक लागत निकालनी चाहिए।
इसलिए अपने बच्चों के लिए दीर्घकालिक भविष्य के लिए योजना बनाते समय परिवार की रोजी-रोटी कमाने वाले व्यक्ति के बीमा के साथ ही गृहस्थी के लिए भी बीमा लेने पर विचार करना चाहिए। कई बार बच्चों को जीवन बीमा के कवर से अलग कर दिया जाता है। बच्चों को आपकी जीवन बीमा पॉलिसी फायदा मिल सकता है, लेकिन आपको वयस्कों का जीवन बीमा जरूर कराना चाहिए।
परिवार में आर्थिक योगदान करने वाले सदस्यों का जीवन बीमा कराना जरूरी है। साथ ही, परिवार की भविष्य की जरूरतों को भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उदाहरण के लिए बीमा लेते वक्त आपको अपने रिटायरमेंट व बच्चों की कॉलेज की फीस को ध्यान में रखकर बीमा कवर लेना चाहिए। बीमा लेते वक्त खतरनाक बीमारियों को भी ध्यान में रखें। स्वास्थ्य बीमा परिवार के सभी सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण है। इलाज की बढ़ती कीमत को देखते हुए बीमा लेने वाले व्यक्ति को परिवार के किसी भी व्यक्ति को असाध्य रोग होने की स्थिति में संभावित खर्च जैसे अस्पताल में भर्ती होने का खर्च इत्यादि का आकलन करना चाहिए।
इसी के आधार पर परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य बीमा कराना चाहिए। इस तरह शुरुआत में बीमा कराने से यह फायदा होता है कि बड़ी उम्र में स्वास्थ्य स्थिति के हिसाब से जो अधिक प्रीमियम देना पड़ेगा, उससे बचा जा सकता है।
हम सभी को अपने परिवार के सुख के लिए भलीभांति विचार कर बीमा लेने की जरूरत है। लेकिन प्रत्येक परिवार का बीमा उसकी जरूरतों, वित्तीय स्थिति व प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
इसलिए यह जरूरी है कि जब आप वित्तीय योजना या बीमा के बारे में सोचना शुरू करते हैं तो आपको एक ऐसे भरोसेमंद सलाहकार की जरूरत है, जो आपकी जरूरतों का ठीक तरह आकलन कर सके। हमारा अनुभव बताता है कि यह काम आपके बैंक से बेहतर कोई और नहीं कर सकता, क्योंकि उसके पास आपके बारे में सही जानकारी होती है। आप इस संबंध में अपने बैंक के मैनेजर से बात कीजिए, क्योंकि वह आपके परिवार की जरूरतों का आकलन कर, वित्तीय स्थिति के आधार पर आपको बीमा के संबंध में सही निर्णय लेने की सलाह दे सकता है।
वित्तीय योजना बनाएं:
सबसे अहम बात यह है कि आप जो भी वित्तीय योजना बनाएं, उसके बारे में अपने परिवार खासकर अपने जीवन साथी को जरूर बताएं। अपने जीवन साथी को बीमा के फायदे व बीमा के दायरे में न वाली चीजों के बारे में बताने के साथ-साथ यह भी बताएं कि सभी दस्तावेज कहां रखे हैं। कई बार आपके बीमा के बारे में खुली चर्चा के बाद बचत व निवेश की जो आदत पनपती है, उससे कड़ी मेहनत से कमाई गई आय की कीमत भी समझ आती है।
ऋषि माथुर
सीनियर वीपी, प्रोडक्ट एंड स्ट्रैटजी
केनरा एचएसबीसी ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स लाइफ इंश्योरेंस