कम उम्र में ही लें स्वास्थ्य बीमा
स्वास्थ्य बीमा के नए दिशानिर्देश का साफ असर दिखाई देने लगा है। कंपनियां नए उत्पाद और नई सोच के साथ आ रही हैं। नए माहौल में ग्राहकों की तैयारी को लेकर आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड के वाइस प्रेसिडेंट (हेल्थ) अमित भंडारी के साथ दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन ने बातचीत क
स्वास्थ्य बीमा के नए दिशानिर्देश का साफ असर दिखाई देने लगा है। कंपनियां नए उत्पाद और नई सोच के साथ आ रही हैं। नए माहौल में ग्राहकों की तैयारी को लेकर आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड के वाइस प्रेसिडेंट (हेल्थ) अमित भंडारी के साथ दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन ने बातचीत की।
-नए माहौल में ग्राहकों को हेल्थ बीमा करवाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहता हूं कि इरडा के नए दिशानिर्देश से स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में बहुत कुछ पारदर्शी हो गया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा लोग अब इस बीमा को लेकर अपना भविष्य सुनिश्चित करेंगे। लेकिन कुछ बातें हैं, जिनका ख्याल किसी भी हेल्थ बीमा पॉलिसी को खरीदने से पहले रखना चाहिए। सबसे पहले जितनी जल्दी हो यह बीमा करवा लेना चाहिए। कम उम्र में हेल्थ बीमा के कई फायदे हैं। प्रीमियम कम होता है। बीमारी नहीं होने से कवरेज राशि साल दर साल बढ़ती जाती है। दूसरी, अपनी हर बीमारी, बैक ग्राउंड, फेमिली हिस्ट्री आदि सही तरीके से खुलासा करना चाहिए, ताकि बाद में क्लेम लेने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आए। तीसरी, फेमिली कवरेज लेना हमेशा बेहतर होता है। अंतिम बात हमेशा दो वर्षो के लिए बीमा करवाएं।
-आपकी कंपनी ने हाल ही में एक नई हेल्थ बीमा पॉलिसी लांच की है, इसकी क्या खासियत है?
हां, इस उत्पाद का नाम है आइ हेल्थ-कैशलेस ओपीडी। इसे स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चे का व्यापक अध्ययन करने के बाद तैयार किया है। हमने यह पाया है कि स्वास्थ्य पर होने वाला 60 फीसद खर्च ओपीडी पर होता है। बहुत ही कम लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। हमारी यह पॉलिसी ग्राहकों को ओपीडी खर्चे की चिंता से मुक्त कर देगी। अभी सात शहरों के 100 अस्पतालों में इस पॉलिसी की मदद से बगैर किसी खर्चे के ओपीडी की सेवा ली जा सकती है। हम एक वर्ष के भीतर पूरे देश में इसे विस्तारित करने जा रहे हैं। इस पॉलिसी से देश में हेल्थ बीमा लेने वालों की संख्या बढ़ेगी, क्योंकि यह सामान्य तौर पर स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चे का भी बोझ उठा सकती है।
-आपकी कंपनी की भावी रणनीति क्या होगी?
पिछले दो वर्षो से तो हेल्थ बीमा कारोबार काफी सुस्त चल रहा है। अब नए दिशानिर्देश आए हैं। कंपनियां और नियामक इसे लागू करने में जुट गए हैं। हमारी कंपनी भी लगातार विस्तार कर रही है। छोटे शहरों और ग्रामीण बाजार में भी अपना नेटवर्क स्थापित कर रहे हैं। नए उत्पादों की भी तैयारी है जो ग्राहकों व बाजार की मांग को देखते हुए तैयार किए जा रहे हैं।
अमित भंडारी
वाइस प्रेसिडेंट (हेल्थ) आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड