इंसानों का ही नहीं पालतू पालतू जानवरों का भी होता है बीमा, जानें इसके बारे में सबकुछ
भारत में पेट इंश्योरेंस के तहत कुत्ता बिल्ली चिड़िया भेड़ बकरी घोड़ा खरगोश हाथी आदि को शामिल किया जाता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पालतू जानवर आपके परिवार के सदस्य की तरह होते हैं और आपके परिवार के बाकी सदस्यों की तरह, उनकी भी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें होती हैं। क्या आपको पता है कि भारत में कुछ बीमा कंपनियों ने पालतू बीमा पॉलिसियों की शुरुआत की है। जहां आपके पालतू जानवरों का बीमा होता है। हम इस खबर में आपको पेट इंश्योरेंस के बारे में बता रहे हैं।
क्या है पेट इंश्योरेंस: यह भी बाकी बीमा पॉलिसी की तरह जिसमें आपके पालतू जानवर को आपात स्थिति में कुछ होने पर उसमें होने वाले खर्चे शामिल होते हैं। इसमें इलाज/ दुर्घटनाओं के लिए पशु चिकित्सा बिल को कवर करने से लेकर नुकसान या चोरी और पालतू जानवरों की मौत तक सब कुछ कवर किया जाता है। यह अन्य लोगों को होने वाले नुकसान की स्थिति में तीसरे पक्ष की देनदारियों से संबंधित जोखिम को भी कवर करता है।
कौन से जानवर इस बीमा में होते हैं शामिल: भारत में पेट इंश्योरेंस के तहत कुत्ता, बिल्ली, चिड़िया, भेड़, बकरी, घोड़ा, खरगोश, हाथी आदि को शामिल किया जाता है। हालांकि यह बीमा ऑफर अलग-अलग कंपनी के मुताबिक बदल भी सकता है। कुछ कंपनियां कुछ खास खास तरह के जानवरों का भी बीमा करती हैं।
कैसे होता है पेट इंश्योरेंस: किसी भी अन्य बीमा पॉलिसी की तरह, इस बीमा को लेने के लिए भी एक आयु सीमा लागू है। उदाहरण के लिए, कुत्तों और बिल्लियों के लिए, बीमा खरीदने की आयु सीमा आठ सप्ताह से आठ वर्ष के बीच है। गायों के लिए, यह दो और दस साल की होती है, बकरियो/भेड़ों के लिए यह एक से सात साल के बीच होती है।
क्या है आइडियल इंश्योरेंस प्रीमियम: आमतौर पर बीमा प्रीमियम का आकार बीमित राशि के 3% से 5% के बीच होता है, लेकिन यह पालतू जानवरों की उम्र, बीमित राशि के आकार, नस्ल, तीसरे पक्ष के दायित्व कवरेज, मृत्यु जैसे कारकों के आधार पर अलग हो सकता है। राइडर, एक्सीडेंटल-डेथ राइडर, विकलांगता राइडर, आदि जब पशुधन बीमा की बात आती है, तो सरकार प्रीमियम मूल्य पर 50% तक की सब्सिडी देती है।